Jagran Dialogues: धनतेरस में बहुत छोटी रकम से भी खरीद सकते हैं सोना, जानें क्या है एक्सपर्ट की राय
बलवंत जैन कहते हैं सोना खरीदने का ट्रेडिशनल तरीका है जिसमें लोग ज्वैलरी खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि ज्वैलरी वही खरीदें जो इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं नहीं तो अगर निवेश के लिए खरीद रहे हैं तो गोल्ड बार है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। धनतेरस एक ऐसा त्योहार है जब भारतीय सोना खरीदते हैं और इसे शुभ माना जाता है। एक दशक में धनतेरस पर खरीदा गया सोना सालाना आधार पर 6.56% तक रिटर्न दे चुका है। हालांकि, गोल्ड ने पिछले 5 वर्षों में दोहरे अंकों का रिटर्न दिया है लेकिन पिछले 1 साल में यह स्थिर रहा है और नकारात्मक रिटर्न दिया है। 2008 के वित्तीय संकट की मंदी के दौरान और बाद में 2020 के लॉकडाउन के दौरान सोने में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इस साल सोना पहले ही काफी महंगा हो चुका है और उपभोक्ता पहले से ही बड़ी कीमत चुका रहे हैं। इसलिए खरीदारी करते समय सावधान रहना और कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। Jagran Dialogue की इस कड़ी में Jagran New Media के डिप्टी एडिटर Manish Mishra के साथ हुई बातचीत में टैक्स एवं इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने विस्तार से बताया कि धनतेरस पर सोना खरीदने के लिए कौन सा विकल्प सही रहेगा।
बलवंत जैन कहते हैं, सोना खरीदने का ट्रेडिशनल तरीका है जिसमें लोग ज्वैलरी खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि ज्वैलरी वही खरीदें जो इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं नहीं तो अगर निवेश के लिए खरीद रहे हैं तो गोल्ड बार है, इसके अलावा गोल्ड कॉइन है या फिर म्यूचुयल फंड के तमाम विकल्प हैं, फिजिकल गोल्ड भी खरीद सकते हैं। लेकिन निवेश के लिए इनमें सबसे बेहतर है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प। जैन कहते हैं अगर मुहूर्त पर खरीदना है तो स्टॉक एक्सचेंज से भी खरीद सकते हैं।
यहां देखें पूरा वीडियो
कहां से खरीद सकते हैं
उन्होंने कहा कि गोल्ड ETF स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बैंक से ले सकते हैं। ज्वैलरी दुकान से ली जा सकती है। जैन ने कहा कि कॉइन बुलियन मार्केट से ली जा सकती है, जबकि डिजिटल गोल्ड आप वॉलेट से भी खरीद सकते हैं। जैन ने सोने की शुद्धता पहचानने को लेकर भी जानकारी दी।
डिजिटल गोल्ड कैसे खरीदें
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, डिजिटल गोल्ड पेमेंट एप्लीकेशन में जाकर खरीद सकते हैं। डिजिटल गोल्ड खरीदने पर 3 फीसद का GST लग जाता है। हालांकि उन्होंने बताया कि डिजिटल गोल्ड में शुद्धता का रिस्क नहीं है।
फिजिकल गोल्ड
बलवंत जैन कहते हैं, हॉलमार्किंग से ग्राहकों को फायदा हुआ है। जब तक हॉलमार्किंग की शुरुआत नहीं हुई थी तब तक दुकानदार मन मुताबिक बेच रहे थे। मसलन 22 कैरेट का बताकर 18 कैरेट वाला दे दिया। हॉलमार्किंग से ये फायदा है कि गहना कितने कैरेट का है ये पता चल जाता है। दुकानदार ने किस प्रयोशाला से लिया इसकी भी जानकारी मिल जाती है। इसमें शुद्धता का पैमाना बहुत हद तक सफल हो जाता है। BIS हॉलमार्क में दुकानदार का नंबर होता है या सिंबल होता है।