Services PMI: जून में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मई की तुलना में सुधार, लॉकडाउन में ढील से बनी बात
Services PMI कंपोजिट पीएमआई में भी वृद्धि हुई है। यह जून में 37.8 पर आ गई है। इससे पहले मई महीने में यह 14.8 के स्तर पर थी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में जून महीने में सुधार हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में ढील मिलने के कारण देश की सर्विस पीएमआई पहले से बेहतर हुई है। भारत की सर्विसेज पीएमआई (services PMI) जून महीने में 33.7 पर आ गई है। इससे पहले मई में यह 12.6 के स्तर पर थी। वहीं, कंपोजिट पीएमआई में भी पहले की तुलना में सुधार हुआ है। यह जून में 37.8 पर आ गई है। इससे पहले मई महीने में यह 14.8 के स्तर पर थी।
इससे पहले कड़े लॉकडाउन के चलते अप्रैल में देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। अप्रैल में सर्विस पीएमआई गिरकर 5.4 पर आ गई थी। पीएमआई पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।
देश की सर्विसेज पीएमआई में जून महीने में मई की तुलना में सुधार भले ही हुआ हो, लेकिन यह आंकड़ा देश के सर्विस सेक्टर में बहुत अधिक गिरावट को दर्शाता है। मई के 12.6 की तुलना में सर्विस पीएमआई 33.7 पर जरूर आ गई, लेकिन अभी भी संकुचन से ग्रोथ की ओर बढ़ने के लिए इस आंकड़े को 50 से ऊपर जाना होगा।
जून लगातार चौथा महीना है, जब देश की सर्विसेज पीएमआई 50 से नीचे के स्तर पर रही है। यह देश के सर्विस सेक्टर में संकुचन का साल 2014 के बाद का सबसे लंबा समय है। इससे पहले अप्रैल 2014 में दस महीने लगातार सर्विसेज पीएमआई 50 से नीचे रही थी।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री Joe Hayes ने कहा, 'भारत का सर्विस सेक्टर लगातार जून में भी संघर्ष करता दिखा है। देश में कोरोना वायरस संकट के बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है।'
उन्होंने आगे कहा, 'सीधे शब्दों में कहें, तो देश एक अभूतपूर्व आर्थिक मंदी की चपेट में है। अगर संक्रमण की दर को नियंत्रित नहीं किया गया, तो निश्चित रूप से यह मंदी इस साल की दूसरी छमाही तक जाने वाली है।'