Move to Jagran APP

इकोनॉमी के लिए खुशखबरी: लगातार दूसरे महीने सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में वृद्धि, Job के मौके बढ़े

घरेलू मांग में सुधार और कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों में छूट से कारोबारी गतिविधियां बढ़ने से सितंबर में देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि देखने को मिली इस तरह लगातार दूसरे महीने सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 11:58 AM (IST)
इकोनॉमी के लिए खुशखबरी: लगातार दूसरे महीने सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में वृद्धि, Job के मौके बढ़े
एक साल में पहली बार कंपनियां अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति कर रही है।

बेंगलुरु, रायटर। घरेलू मांग में सुधार और कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों में छूट से कारोबारी गतिविधियां बढ़ने से सितंबर में देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में मजबूत वृद्धि देखने को मिली इस तरह लगातार दूसरे महीने सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। इस कारण तकरीबन एक साल में पहली बार कंपनियों ने सितंबर महीने में अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की। आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सितंबर 55.2 पर रहा, जो मजबूत वृद्धि को दिखाता है। पीएमआई पर 50 से अधिक का आंकड़ा वृद्धि और नीचे का आंकड़ा गिरावट या संकुचन को दिखाता है। अगस्त, 2021 में भी सर्विसेज पीएमआई 56.7 पर रहा था।

loksabha election banner

रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर

सर्विसेज सेक्टर में नई नौकरियों का सृजन हुआ। इससे पिछले नौ माह से जारी छंटनी के सिलसिले पर विराम लग गया। हालांकि, इसकी दर अलग-अलग रही क्योंकि कंपनियों ने पहले से मौजूद वर्कफोर्स के साथ ही बढ़ी हुई मांग को मैनेज किया।

आईएचएस मार्किट में एसोसिएट डायरेक्टर (इकोनॉमिक्स) पॉलियाना डि लीमा ने कहा, ''भारतीय कंपनियों को मांग में रिकवरी का फायदा मिलना जारी रहा क्योंकि कोविड के मामलों में कमी आई है और पाबंदियों को हटा लिया गया है।''

उन्होंने कहा, ''बाजार के माहौल में सुधार का मतलब है कि सितंबर में कंपनियों को नए काम के मिले और कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की गई।''

न्यू बिजनेस सब-इंडेक्स में भी वृद्धि देखने को मिली। हालांकि, यह पिछले महीने की तुलना में कम रहा। समक्ष अथॉरिटीज द्वारा पाबंदियों में कमी किए जाने से बिक्री में बढ़ोत्तरी और फुटफॉल में वृद्धि देखने को मिली। इससे सितंबर महीने में न्यू बिजनेस सब-इंडेक्स में यह बढ़ोत्तरी देखने को मिली।

यह घरेलू स्तर पर मांग में सुधार को दिखाता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी देखी गई और इसमें लगातार 19वें महीने संकुचन देखने को मिला।

कच्चे माल की कीमतों में तेजी और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ने से लागत मूल्य में लगातार 15वें महीने बढ़ोत्तरी देखने को मिली लेकिन इसका कुछ बोझ ही ग्राहकों पर डाला गया है क्योंकि कंपनियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा में खुद को बनाए रखने की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.