कोरोना संकट के बीच शेयर बाजारों में 11 साल की सर्वश्रेष्ठ तिमाही, मार्च में चार साल के निचले स्तर तक चले गए थे घरेलू शेयर बाजार
एनर्जी और फाइनेंशियल स्टॉक्स में बिकवाली के चलते मंगलवार को तिमाही के आखिरी कारोबारी सत्र में घरेलू शेयर बाजार गिरावट में रहे।
मुंबई, पीटीआइ: कोरोना महामारी के कारण मार्च में चार साल के निचले स्तर तक चले गए घरेलू शेयर बाजारों के लिए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) शानदार रही। इस अवधि में बीएसई के सेंसेक्स में 18.5 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। एनएसई का निफ्टी भी 19.8 फीसद की तेजी लेने में सफल रहा। यह 2009 के बाद से किसी एक तिमाही में घरेलू शेयर बाजारों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
एनर्जी और फाइनेंशियल स्टॉक्स में बिकवाली के चलते मंगलवार को तिमाही के आखिरी कारोबारी सत्र में घरेलू शेयर बाजार गिरावट में रहे। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 45.72 अंक गिरकर 34,915.80 पर बंद हुआ। दिन में इसने 272 अंकों का उछाल दर्ज कर लिया था, लेकिन आखिरी क्षणों में बिकवाली से इसमें गिरावट आई। एनएसई का निफ्टी भी 10.30 अंक की मामूली गिरावट के साथ 10,302.10 पर बंद हुआ।
जानकारों का कहना है कि चीन से सीमा पर चल रही तनातनी के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन को देखते हुए भी बाजार में सतर्कत रही। सेंसेक्स में पावरग्रिड में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
सनफार्मा, आइटीसी, ओएनजीसी, भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी गिरावट में रहे। मारुति, नेस्ले इंडिया, आइसीआइसीआइ बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर बढ़त में रहे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि दिनभर पॉजिटिव नोट पर कारोबार के बाद भी आखिरी क्षणों में बाजारों ने बढ़त गंवा दी। पीएम मोदी के संबोधन से पहले बनी अनिश्चितता ने निवेशकों को बिकवाली के लिए प्रेरित किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार बढ़त में रहे। प्रमुख यूरोपीय बाजार शुरुआती सत्र में गिरावट में रहे।