SEBI ने IL&FS पर लगाया 10 लाख का जुर्माना, छिपाई थी विनिवेश के जरिये फंड जुटाने संबंधी जानकारी
SEBI ने अपनी जांच में पाया कि ILFS ने असेट विनिवेश और राइट्स इश्यू के जरिये बाजार से 4500 करोड़ रुपये का फंड जुटाने संबंधी जानकारी बीएसई को नहीं दी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आइएलएंडएफएस को 45 दिन के भीतर 10 लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है। कंपनी पर यह जुर्माना बीएसई से संवेदनशील सूचनाएं छिपाने के आरोप में लगाया गया है। सेबी ने अपनी जांच में पाया कि आइएलएंडएफएस ने असेट विनिवेश और राइट्स इश्यू के जरिये बाजार से 4,500 करोड़ रुपये का फंड जुटाने संबंधी जानकारी बीएसई को नहीं दी। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में हुई बोर्ड की बैठक में 30,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए मार्केट से रकम जुटाने का फैसला किया था।
उधर आइएलएंडएफएस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जुलाई में हुई मीटिंग के दौरान इस योजना पर बातचीत पूरी नहीं हुई थी, इसलिए उसने बीएसई को इस बारे में जानकारी नहीं दी। कंपनी ने कहा कि पिछले वर्ष 29 अगस्त को हुई बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया और उसी दिन बीएसई को सूचित कर दिया गया। हालांकि सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी ने रेटिंग एजेंसी को अपने फैसले के बारे में 23 जुलाई 2018 को ही अवगत करा दिया था। लेकिन बीएसई से यह जानकारी जान बूझकर छिपाई गई।
आरटी एक्सपोर्ट पर भी लगा जुर्माना
सेबी ने आरटी एक्सपोर्ट लिमिटेड और इसके शेयरधारक नीलकंठ रियल्टर्स पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना साझेदारों की सलाह के बिना फैसले लेने के लिए लगाया गया है। सेबी ने भीमज्यानी परिवार (एचयूएफ) के भाविक भीमज्यानी, रश्मि भीमज्यानी, रेखा भीमज्यानी, रश्मि सी. भीमज्यानी सहित एनएच पोपट और आरटी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड पर यह जुर्माना लगाया है।