'इन्फोसिस की जांच जारी रहेगी, बाकी भगवान से पूछिए'
तीन अक्टूबर को अमेरिका के ‘व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन प्रोग्राम’ को पत्र लिखकर बताया कि इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक
मुंबई, पीटीआइ। पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने शुक्रवार को कहा कि आइटी कंपनी इन्फोसिस के खिलाफ व्हिसलब्लोअर की शिकायतों की जांच चलती रहेगी। पिछले दिनों कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा था कि भगवान भी इन्फोसिस के आंकड़ों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते।
त्यागी ने कहा, ‘निवेशक यदि चाहें तो इन्फोसिस के बयान से राहत की सांस ले सकते हैं, लेकिन हमारी जांच चलती रहेगी। मैं आपसे इतना ही कह सकता हूं।’ इससे पहले बुधवार को नीलेकणि ने इन्फोसिस के समर्थन में कड़े शब्दों में कहा था, ‘भगवान भी कंपनी के आंकड़ों में छेड़छाड़ नहीं कर सकते। इन आरोपों से मेरी फाइनेंस टीम अपमानित महसूस कर रही है। लेकिन, मैं जांच को लेकर पक्षपाती नहीं हूं।’ उनके इस बयान पर सवाल को लेकर त्यागी ने कहा, ‘या तो आपको नीलेकणि से पूछना होगा या आप भगवान से पूछ सकते हैं।’
इन्फोसिस के कुछ गुमनाम कर्मचारियों ने ‘एथिकल इंप्लॉई’ के नाम से 20 सितंबर को कंपनी के निदेशकमंडल को दो पेज का एक पत्र भेजा था। इसमें लिखा है, ‘पारेख (सीईओ सलील पारेख) और रॉय (सीएफओ निलंजन रॉय) पिछली कई तिमाहियों से कंपनी में कुछ गड़बड़ी कर रहे हैं। इसके सुबूत के तौर पर उनके ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिग भेजी जा रही है।’ हालांकि इस पत्र का बोर्ड की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद एक गुमनाम व्हिसलब्लोअर ने एथिकल एंप्लॉईज की तरफ से तीन अक्टूबर को अमेरिका के ‘व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन प्रोग्राम’ को पत्र लिखकर बताया कि इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक दो इन्फोसिस की बैलेंसशीट्स में अकाउंटिंग से जुड़ी गड़बड़ियां की गई हैं।