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SC on Loan Moratorium: सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित की ब्याज माफी मामले की सुनवाई

Loan moratorium case सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लोन मोरेटोरियम अवधि में बढ़ोत्तरी और इस दौरान ब्याज माफी की याचिका पर सुनवाई को 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) मामले में सुनवाई होनी थी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:50 AM (IST)
SC on Loan Moratorium: सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित की ब्याज माफी मामले की सुनवाई
सर्वोच्च न्यायालय ( supreme court ) की तस्वीर

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लोन मोरेटोरियम अवधि में बढ़ोत्तरी और इस दौरान ब्याज माफी की याचिका पर सुनवाई को 14 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) मामले में सुनवाई होनी थी। जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच छह महीने की लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज की माफी की मांग करने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने वाली थी।

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इससे पहले जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने पांच अक्टूबर को लोन मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर माफी की मांग वाली याचिका की सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को अतिरिक्त हलफनामे फाइल करने का समय दिया था।

गौरतलब है कि लोन मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि मौजूदा हालात में विभिन्न सेक्टर्स को और राहत देना संभव नहीं है। राजकोषीय नीति के मामले में कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। पांच अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार के हलफनामे पर असंतोष जताया था। साथ ही केंद्र सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक को विस्तृत जानकारी के साथ हलफनामा देने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में अपने नए हलफनामे में सरकार ने कहा, 'नीतियां बनाना सरकार का काम है और अदालत को सेक्टर विशेष को वित्तीय राहत देने के मामलों पर विचार नहीं करना चाहिए। दो करोड़ रुपये तक के लोन पर मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज में दी गई राहत से ज्यादा कोई छूट देना अर्थव्यवस्था एवं बैंकिंग सेक्टर के लिए घातक होगा।'

इससे पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि दो करोड़ रुपये तक के एमएसएमई और पर्सनल लोन पर छह महीने की मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज नहीं वसूला जाएगा। इस छूट पर आने वाले खर्च को सरकार स्वयं वहन करेगी।

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