पेट्रोल, डीजल में केरोसिन की मिलावट पर केंद्र को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोल व डीजल में केरोसिन की मिलावट की सीबीआइ जांच कराने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पीठ ने ये नोटिस बसपा सांसद सीमा उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया। सीमा उपाध्याय की याचिका में आरोप लगाया गया है कि
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोल व डीजल में केरोसिन की मिलावट की सीबीआइ जांच कराने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पीठ ने ये नोटिस बसपा सांसद सीमा उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया।
सीमा उपाध्याय की याचिका में आरोप लगाया गया है कि पेट्रोल और डीजल में भारी मात्रा में सब्सिडी वाले केरोसिन की मिलावट हो रही है और तेल माफिया इसके जरिये भारी मुनाफा कमा रहे हैं। आरोप लगाया गया है कि ये सारा काम तेल माफिया पुलिस के साथ मिलीभगत से करते हैं। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान सीमा उपाध्याय के वकील डॉक्टर राजीव शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी से बसपा की सांसद हैं। इससे पहले वह हाथरस जिला परिषद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्हें इस बात की निजी जानकारी है कि तेल माफिया सब्सिडी के केरोसिन की पेट्रंोल और डीजल में मिलावट करते हैं और उससे भारी मुनाफा कमाते हैं। वे इस काम को नेताओं व पुलिस की मिलीभगत से करते हैं। इससे न सिर्फ सब्सिडी का केरोसिन पाने का गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों का हक मारा जाता है, बल्कि मिलावटी पेट्रोल और डीजल से लोगों की गाड़ियों के इंजन भी खराब हो रहे हैं। इसके अलावा मिलावटी पेट्रोल, डीजल के कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है।
कोर्ट ने याचिका में एक राजनैतिक दल के विधायक के पेट्रोल पंपों में मिलावटी पेट्रोल, डीजल बेचने के आरोपों पर सवाल किया कि कहीं यह याचिका राजनैतिक तो नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह एक सप्ताह में याचिका में जरूरी संशोधन करे और कुछ और लोगों को पक्षकार के तौर पर शामिल करे। हालांकि कोर्ट ने याचिका में प्रतिपक्षी बनाई गई केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पेट्रोल, डीजल की मिलावट में लगा तेल माफिया बहुत ताकतवर हैं और वे इसका विरोध करने वाले अधिकारियों को जिंदा जला देते हैं। इस बाबत महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की बदायूं की घटनाओं का जिक्र किया गया है। याचिका में इस मिलावट की सीबीआइ जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह केरोसिन की सब्सिडी भी आधार कार्ड देखकर खाते में नगद स्थानांतरित करे।