SBI होम लोन के लिए वसूलेगा प्रॉसेसिंग फीस, जानिए क्या हैं नये नियम
आंतरिक चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया कि कम कर्ज दर की भरपाई के लिए अन्य शुल्क लगाए जाएं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) होम लोन लेने वालों से साथी ही टॉप-अप प्लान और कॉर्पोरेट्स और बिल्डरों को दिए जाने वाले लोन के लिए प्रॉसेसिंग फीस वसूलेगा। बैंक ने यह फैसला आरबीआई की ओर से रेट को कम करने के बाद से उसके ब्याज दर में आई कमी के बाद उठाया है।
एसबीआई की ओर से जारी आंतरिक सर्कुलर के मुताबिक, '31 दिसंबर, 2019 तक के कर्ज प्रस्तावों के लिए त्यौहार की अवधि के दौरान पेश की गई कंसोलिडेटेड प्रॉसेसिंग फीस की पूरी छूट' वापस ले ली गई है। एसबीआई ने कहा, 'अब 15 अक्टूबर, 2019 तक के प्रस्तावों को जारी रखा जाएगा।'
बता दें कि 1 जुलाई, 2019 को SBI ने अपनी उधार दर को बेंचमार्क रेपो रेट से जोड़ दिया था। इससे पहले बाजार में SBI का रेट सबसे कम था। लिंक करने के फैसले आने बाद से दरों में कमी आई है।
1 जुलाई को एसबीआई ने एक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया ताकि डायनामिक मूविंग रेट खुद होम लोन से जुड़ जाए। लेकिन 1 अगस्त 2019 को इसे वापस ले लिया गया। आंतरिक चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया कि कम कर्ज दर की भरपाई के लिए अन्य शुल्क लगाए जाएं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सभी मैच्योरिटी के कर्ज पर MCLR को 0.10 फीसद कम करने का फैसला किया है। नई दरें 10 अक्टूबर से प्रभावी होंगी। बता दें कि बैंक की ओर से इस साल एमसीएलआर में यह छठीवीं कटौती है। यह कटौती रेपो दर से जुड़े कर्ज पर प्रभावी नहीं होगी। अब एक साल के कर्ज का एलसीएलआर कम होकर 8.05 फीसद पर आ गया है। बैंक का कहना है कि इससे बड़ी संख्या में लोग फायदा ले पाएंगे। मालूम हो कि एसबीआई ने नए बॉरोअर्स के लिए रेपो रेट आधारित होम लोन स्कीम भी पेश किया है।