कोविड-19 के बाद प्रति व्यक्ति आय में होगी और अधिक कमी, अमीर राज्यों पर होगा ज्यादा असरः SBI Report
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति आय में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि (3.8 फीसद) से ज्यादा की गिरावट का अनुमान है।
मुंबई, पीटीआइ। कोविड-19 महामारी के बाद भारत में असमानता की खाई में कमी आएगी। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की यह रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस महामारी के बाद अमीर राज्यों की आय में गरीब राज्यों की तुलना में अधिक कमी आने की आशंका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में अखिल भारतीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में 5.4 फीसद की कमी का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय के जरिए किसी एक देश या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आमदनी का आकलन किया जाता है। एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ''हमें उम्मीद है कि कोविड-19 के बाद भारत में असमानता घटेगी क्योंकि अमीर राज्यों की आमदनी में गरीब राज्यों की अपेक्षा अधिक कमी आ सकती है।''
SBI ने कहा है कि 1989 में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद जर्मनी में असमानता में इसी प्रकार की कमी देखने को मिली थी। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति व्यक्ति आय में नॉमिनल जीडीपी वृद्धि (3.8 फीसद) से ज्यादा की गिरावट का अनुमान है। वैश्विक तौर पर भी यही ट्रेंड रहने का अनुमान है।
बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय देश के औसत से अधिक हैं, उनके इस संदर्भ में सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ''प्रति व्यक्ति आय में दिल्ली में (-15.4 फीसद) और चंडीगढ़ में (-13.9 फीसद) की गिरावट का अनुमान अखिल भारतीय स्तर पर (-5.4 फीसद) से तीन गुना अधिक है।''
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति व्यक्ति आय में दोहरे अंकों में गिरावट की आशंका है। यह स्थिति अधिक चिंताजनक है क्योंकि देश की जीडीपी में इन राज्यों की हिस्सेदारी 47 फीसद की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन शहरी इलाकों में लॉकडाउन को सबसे ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू किया गया था। बाजारों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्सेज और मॉल बंद किए जाने से इन इलाकों के लोगों की आमदनी पर बहुत अधिक असर पड़ा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार खुलने के बावजूद ग्राहकों की संख्या सामान्य की तुलना में 70-80 फीसद के आसपास ही है।
इस रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 6.8 फीसद के संकुचन का अनुमान लगाया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत आधार की वजह से वित्त वर्ष 2021-22 में वी-शेप रिकवरी देखने को मिल सकती है।