SBI Loan आने वाले दिनों में महंगा होगा या सस्ता, बता रहे हैं देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा
SBI के चेयरमैन दिनेश खारा कहते हैं कि उनका बैंक अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए आने वाले समय में कई नई सेवाएं भी लाने की तैयारी में है और मौजूदा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाने जा रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन दिनेश खारा कहते हैं कि उनका बैंक अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए आने वाले समय में कई नई सेवाएं भी लाने की तैयारी में है और मौजूदा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाने जा रहा है। कोशिश यह है कि बैंक के ग्राहकों को उनके घर पर ही सुरिक्षत रखते हुए सभी तरह की बैंकिंग सेवाएं मिल सकें। दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने अनुमान लगाया है कि अभी ना तो कर्ज की दरों में कोई बढोतरी होने जा रही है और ना ही बैंक जमा की दरों में।
पेश है इस लंबी बातचीत का एक हिस्सा:
प्रश्न: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब इकोनोमी की दिशा किस तरफ जाती दिख रही है।
उत्तर: कोरोना की दूसरी लहर ने बहुत तेजी से अपना विकराल रूप दिखाया था जिसका लोगों पर बहुत ही बड़ा असर पड़ा है। लेकिन आर्थिक तौर पर देखा जाए तो पहली लहर के मुकाबले इसका आर्थिक दुष्प्रभाव कम इसलिए हुआ है कि इस बार राष्ट्रीय लॉकडाउन एक साथ नहीं था। अलग-अलग हिस्सों में हालात के हिसाब से लॉकडाउन लगाया गया जिसका असर पिछले साल से कम रहा है। कई औद्योगिक क्षेत्रों में गतिविधियां चलती रही हैं। जहां गतिविधियां कम थीं वहां भय एक बड़ा कारण था। अब धीरे-धीरे लॉकडाउन खत्म किया जा रहा है। भविष्य में लॉकडाउन कितना तेजी से खत्म होगा यह वैक्सीनेशन की रफ्तार पर निर्भर करेगा। जितनी तेजी से वैक्सीनेशन होगा, उतना ही लोगों में भरोसा बढ़ेगा जो आर्थिक गतिविधियों को तेज करेगा। पहली तिमाही में हमने कई तरह की समस्याओं को देखा है जैसे छोटी और मझोली इकाइयों के स्तर पर, मांग के स्तर, मुझे लगता है कि ऐसी स्थिति दूसरी तिमाही में नहीं होगी। इकोनोमी की स्थिति और मजबूत होगी।
प्रश्न: बैंकिंग उद्योग किस तरह से इन चुनौतियों से निपट रहा है, क्या हालात सामान्य हो चुके हैं?
उत्तर: कोरोना के पूरे संकट काल में एक उद्योग जो लगातार काम करता रहा है वह बैंकिंग इंडस्ट्री है। लोगों के वित्तीय लेन-देन का तरीका भी बदला है। लेकिन बैंकों को वहां भी मुस्तैद रहना पड़ रहा है। हमारा डाटा बताता है कि 66 फीसद बैंकिग ग्राहक डिजिटल ट्रांजेक्शन करने लगे हैं। यह आंकड़ा कुछ महीने पहले 59 फीसद का था। SBI ने इस संकट काल में बैंक ग्राहकों को हर सेवा देने की भरसक कोशिश की, हमने तकनीकी का, आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस की मदद से अपनी सर्विस को बेहतर किया। लोन लेने वाले ग्राहकों को उनके घर पर ही कर्ज देने की सेवा शुरू की। 15 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का वितरण हमने इस माध्यम से किया है। आवागमन में अवरोध होने की वजह से ग्राहकों से सीधे संपर्क करने में कुछ समस्या हुई है लेकिन 16 जून के बाद ग्राहकों से मिल कर उनसे कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है और इसका असर भी दिखने लगा है। प्रबंधन के स्तर पर ऐसी व्यवस्था की गई है कि नीतिगत फैसलों के लिए होने वाली बैठकों पर कोई असर नहीं हो और काम सुचारू तौर पर चलता रहे।
प्रश्न: टेक्नोलाजी बहुत तेजी से बैंकिंग ढांचे को बदल रहा है, क्या SBI इसके लिए तैयार है?
उत्तर: निश्चित तौर पर SBI तैयार है और लगातार टेक्नोलाजी को अपनाने में आगे बनने की कोशिश कर रहा है। SBI का योनो मोबाइल एप इसका उदाहरण है जो खाता खोलने से लेकर कर्ज लेने की प्रक्रिया को आसान कर चुका है। योनो से हम किसानों को जोड़ रहे हैं, मंडी को जोड़ रहे हैं। किसानों व ग्रामीण जनता के बीच के बीच तकनीक आधारित बैंकिंग को पहुंचाने का विशेष अभियान चलाया गया है। योनो को ज्यादा से ज्यादा उपयोगी बनाने का काम लगातार चल रहा है जो एक साथ शहरी युवाओं की बैंकिंग जरूरत को भी पूरा करे और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले हमारे ग्राहकों के लिए भी सुविधाजनक हो।
प्रश्न: बैंको का निजीकरण हो रहा है, क्या SBI दूसरे बैंकों का अधिग्रहण करने को तैयार है?
उत्तर: निजीकरण करना सरकार का नीतिगत फैसला है, मैं उस पर कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन जहां तक किसी और दूसरे वित्तीय संस्थान के अधिग्रहण का सवाल है तो मेरा मानना है कि हमारे मौजूदा ढांचे के तहत ही विस्तार की अभी काफी संभावना है। SBI भारत के बैंकिंग सिस्टम के जमा हिस्से में 23 फीसद और कर्ज हिस्से में 20 फीसद हिस्सा रखता है और हम मानते हैं कि मौजूदा ढांचे के तहत इस हिस्सेदारी को और बढाया जा सकता है।
प्रश्न: ब्याज दरों को लेकर अभी क्या रूख बन रहा है?
उत्तर: ब्याज दरें महंगाई से जुड़ी होती हैं। अभी महंगाई की दर थोड़ी बढ़ी है लेकिन मेरा मानना है कि यह आपूर्ति पक्ष में बाधा उत्पन्न होने की वजह से बढ़ी हैं। जैसे-जैसे इकोनोमी को पूरी तरह से खोला जाएगा और आर्थिक गतिविधियां सामान्य होंगी उसके हिसाब से अगले कुछ महीनों में महंगाई की स्थिति भी सामान्य होगी। ऐसे में मैं यह कह सकता हूं कि जमा या लोन स्कीमों पर ब्याज दरों में किसी तरह की वृद्धि की स्थिति नहीं बन रही है।
प्रश्न: क्या कोरोना से SBI में एनपीए की स्थिति और बिगड़ेगी।
उत्तर: एनपीए की स्थिति दो चीजों पर निर्भर करेगी। अर्थव्यवस्था की स्थिति और बैंकों के स्तर पर इसे काबू करने की कोशिश। अब अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है तो आपको एनपीए में भी कमी दिखाई दे सकती है। SBI ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान भी एनपीए के स्तर को नीचे लाने में काफी सफलता हासिल की है और हमारा प्रबंधन चालू वित्त वर्ष के दौरान भी इस पर नियंत्रण के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। इसके अच्छे परिणाम दिखाई देंगे।
प्रश्न: निकट भविष्य में SBI का फोकस क्या होगा?
उत्तर- हम एक बैंकिंग संस्थान के तौर पर कई स्तरों पर काम कर रहे हैं। एक तो हम तकनीक के आधार पर हर तरह की बैंकिंग सेवा किसी भी ग्राहक को उसके घर पर ही देना चाहते हैं। इसके अलावा हम हर तरह के कर्ज के आवेदन पर कुछ मिनटों पर फैसला करने की सुविधा विकसित करने में जुटे हैं। ग्रामीण जनता तक तकनीक के जरिये सभी बैंक सेवा पहुंचे, उन्हें आसानी से कर्ज मिले, किसानों को ज्यादा उपयुक्त सेवा मिले, इस पर भी काम कर रहे हैं। कोरोना को देखते हुए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने पर खास जोर होगा। एनबीएफसी के साथ को-लें¨डग को जोर-शोर से बढावा दिया जाएगा। इन सभी क्षेत्रों मे SBI की तरफ से काफी कुछ आपको सुनने को मिलेगा।