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SBI ग्राहकों को मिल सकता है अधिकतम दो साल का लोन मोरेटोरियम, 0.35% अतिरिक्त ब्याज पर मिलेगी यह सुविधा

मोराटोरियम के योग्य होने पर SBI ग्राहकों को अधिकतम दो वर्षों तक मोरेटोरियम की सुविधा मिल सकती है यानी दो वर्षों तक उन्होंने पूर्व में जो सावधि कर्ज लिया है उसके लिए कोई मासिक किस्त नहीं देनी होगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:20 AM (IST)
(एसबीआइ के चेयरमैन रजनीश कुमार की फाइल फोटो) (PC: PTI)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 31 अगस्त, 2020 के बाद बैंकों से पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहक उहापोह में हैं कि उन्हें मोरेटोरियम सुविधा आगे मिलेगी या नहीं। इस बीच सोमवार को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ ने एक विशेष पोर्टल की लांचिंग की है जिससे बैंक के ग्राहक स्वयं इस बात का पता लगा सकते हैं कि वह मोरेटोरियम सुविधा के योग्य हैं या नहीं। योग्य होने पर उन्हें अधिकतम दो वर्षो तक मोरेटोरियम की सुविधा मिल सकती है यानी दो वर्षों तक उन्होंने पूर्व में जो सावधि कर्ज लिया है उसके लिए कोई मासिक किस्त नहीं देनी होगी। हां, जब मासिक किस्त की शुरुआत होगी तो उन्हें सामान्य से 0.35 फीसद ज्यादा ब्याज देना होगा।

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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के एमडी (रिटेल व डिजिटल बैंकिंग) सी एस सेठी ने बताया कि मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो चुकी है और उसके बाद काफी संख्या में ग्राहक विभिन्न शाखाओं में पूछताछ के लिए जा रहे हैं। अब वे एसबीआइ के पोर्टल से अपनी योग्यता जान सकेंगे। इसमें ग्राहकों को फरवरी, 2020 से पहले अपनी आमदनी, मौजूदा आमदनी का ब्यौरा देना होगा।

ग्राहकों को साथ ही यह बताना होगा कि वह अधिकतम दो वर्षों की अवधि में कितने समय के लिए मोरेटोरियम चाहते हैं और मोरेटोरियम की अवधि के बाद उसकी संभावित आमदनी क्या होगी। इस सूचना के आधार पर पोर्टल पर ही उसकी योग्यता का आकलन हो जाएगा और यह सूचना भी साझा हो जाएगी कि उसे कितनी अवधि के लिए मोरेटोरियम मिला है और उसकी मासिक किस्त बाद में क्या होगी। इससे यह भी साफ है कि जिन लोगों को मोरेटोरियम के योग्य नहीं माना जाएगा उनसे कर्ज वसूली के दूसरे तरीके आजमाये जाएंगे।

सनद रहे कि कोविड को देखते हुए केंद्र सरकार के सुझाव पर आरबीआइ ने सभी तरह के सावधि कर्ज की अदाएगी पर 31 अगस्त, 2020 तक के लिए रोक (मोरेटोरियम) लगा दिया था। अब कारपोरेट लोन ग्राहकों के लिए तो रिस्ट्रक्चरिंग के नियम बनाये जा रहे हैं जबकि पर्सनल लोन ग्राहकों के मामले पर फैसला करने का अधिकार बैंकों को दे दिया गया है।

एसबीआइ पहला बैंक है जिसने होम लोन, आटो लोन या अन्य छोटे लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए कोई स्कीम लांच किया है। एसबीआइ को उम्मीद है कि पर्सनल लोन लेने वाले ज्यादातर ग्राहक मोरेटोरियम सुविधा का फायदा नहीं उठाएंगे। सोमवार को शाम तक सिर्फ 3000 लोगों ने साइट पर विजिट किया था जिसमें से तीन फीसद को योग्य माना गया है। वैसे एसबीआइ के इस पोर्टल में कुछ खामियां भी हैं मसलन, अगर किसी की नौकरी जाने से आमदनी कम हुई है तो वह कैसे बता सकेगा कि कितने महीने बाद उसे नौकरी लगेगी और उसकी संभावित आय क्या होगी?


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