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बंद पड़े नोकिया एसईजेड में शुरू होगा उत्पादन, iPhone का चार्जर बनाने वाली कंपनी करेगी अधिग्रहण

iPhone का चार्जर बनाने वाली कंपनी सेलकॉम्प अगले पांच वर्षो में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यहां चार्जर के साथ साथ बाकी उपकरणों का निर्माण भी होगा।

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 08:55 AM (IST)
बंद पड़े नोकिया एसईजेड में शुरू होगा उत्पादन, iPhone का चार्जर बनाने वाली कंपनी करेगी अधिग्रहण
बंद पड़े नोकिया एसईजेड में शुरू होगा उत्पादन, iPhone का चार्जर बनाने वाली कंपनी करेगी अधिग्रहण

नई दिल्‍ली, जागरण ब्यूरो। चेन्नई के निकट बरसों से बंद पड़े नोकिया के एसईजेड में अगले वर्ष पहली तिमाही से दोबारा उत्पादन शुरू हो जाएगा। एपल के लिए आइफोन के चार्जर बनाने वाली कंपनी सेलकॉम्प ने इस एसईजेड का अधिग्रहण करने का निर्णय किया है। इसके अतिरिक्त एपल ने भी देश में आइफोन का निर्माण शुरू कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स व मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में आए इस ताजा बदलाव की जानकारी देते हुए इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि एपल ने भारत में आइफोन का निर्माण शुरू कर दिया है। 

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उन्होंने कहा ‘एपल भारत में अपनी मैन्यूफैक्चरिंग को और विस्तारित करे, यह हमारी अपेक्षा है। वे इन हैंडसेट्स का निर्माण और एक्सपोर्ट भी करेंगे।’ फिलहाल चेन्नई में फॉक्सकॉन के प्लांट में आइफोन असेंबल किया जा रहा है। जहां तक चेन्नई एसईजेड का सवाल है, तो प्रसाद ने बताया कि मार्च 2020 तक इसमें उत्पादन शुरू हो जाएगा। सेलकॉम्प अगले पांच वर्षो में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यहां चार्जर के साथ साथ बाकी उपकरणों का निर्माण भी होगा।

इस एसईजेड में उत्पादन शुरू होने के बाद 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। जबकि परोक्ष तौर पर 50,000 लोग रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। इस एसईजेड के 70 प्रतिशत उत्पाद निर्यात के लिए होंगे। अधिकतर निर्यात चीन को होगा। प्रसाद ने इसे अपनी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि बताया। 

मोबाइल निर्यात की उपलब्धि बताते हुए प्रसाद ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मेक इन इंडिया सही दिशा में प्रगति कर रहा है। यही वजह है कि इस क्षेत्र का निर्यात भी बढ़ रहा है। दो साल पहले मोबाइल का निर्यात 20 करोड़ डॉलर मूल्य का हुआ था। यह बढ़कर पिछले साल 1.6 अरब डॉलर का हो गया। लेकिन इस साल अब तक देश से 1.6 अरब डॉलर का मोबाइल फोन और करीब इतने ही मूल्य के कंपोनेंट का निर्यात हो चुका है। इसका अधिकांश हिस्सा चीन को निर्यात किया जा रहा है। इसे नेशनल इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी के प्रभाव के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके नतीजे अब दिखने लगे हैं।


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