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अपना ही होटल खरीदने की दौड़ में सहारा समूह

एक दिलचस्प घटनाक्रम में सहारा ग्रुप लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस होटल को फिर खरीदने की दौड़ में शामिल हो गया है। संकट में फंसे समूह ने यह होटल साल 2010 में खरीदा था। लेकिन, कर्ज चुकाने में तकनीकी चूक (टेक्निकल डिफॉल्ट) के बाद इसके लिए कर्ज देने वाले बैंक ऑफ

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Thu, 28 May 2015 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 08:48 AM (IST)
अपना ही होटल खरीदने की दौड़ में सहारा समूह

लंदन। एक दिलचस्प घटनाक्रम में सहारा ग्रुप लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस होटल को फिर खरीदने की दौड़ में शामिल हो गया है। संकट में फंसे समूह ने यह होटल साल 2010 में खरीदा था। लेकिन, कर्ज चुकाने में तकनीकी चूक (टेक्निकल डिफॉल्ट) के बाद इसके लिए कर्ज देने वाले बैंक ऑफ चाइना ने इसे नीलामी पर रख दिया है।

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सहारा समूह अपने प्रमुख सुब्रत राय की जेल से रिहाई के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रहा है। ग्रुप इसके लिए लंदन के इस मशहूर होटल समेत विभिन्न संपत्तियों के खरीदार की तलाश में जुटा है। सुब्रत राय एक साल से भी अधिक समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

सूत्रों ने बताया कि सहारा समूह बैंक ऑफ चाइना के कर्जो को कुछ अन्य बैंकों को ट्रांसफर करने के लिए रीफाइनेंसिंग डील पर बातचीत कर रहा है। दूसरी ओर समूह कुछ ग्लोबल बैंकों की ओर से समर्थित एक ‘फाइनेंसर’ के जरिये ग्रॉसवेनर हाउस के लिए बोली लगाने की दौड़ में शामिल हो गया है। वह चाहता है कि इस होटल का कुछ बेहतर मूल्य सुनिश्चित हो सके।

बताया जा रहा है कि इस होटल के लिए बोली लागाने वालों में अबूधाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, चीन का फोसन ग्रुप, कॉन्सटलेशन होटल्स होल्डिंग और एमएंडजी प्रूडेंशियल शामिल हैं।

फिलहाल सहारा के प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि समूह ‘दो सूत्री रणनीति’ पर काम कर रहा है ताकि राय की रिहाई के लिए आवश्यक धन हासिल किया जा सके और लंदन के इस प्रतिष्ठित होटल को भी अपने पास रखा जा सके।

कर्ज की वसूली के लिए बैंक ऑफ चाइना ने इस होटल को मार्च के शुरू से एक प्रशासक के अधीन रख रखा है। इसके लिए खरीदार की खोज का काम डेलॉयट और जेएलएल को सौंपा गया है। जेएलएल और डेलॉयट ने भी इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की।

मार्च के शुरू में सहारा ग्रुप ने कहा था कि वह बैंक ऑफ चाइना को लोन का भुगतान करने के लिए रीफाइनेंसिंग ट्रांजैक्शन पर काम कर रहा है। वह आइकॉनिक प्रॉपर्टी का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा।

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