ITR फाइलिंग: 50 लाख तक आय वालों को फॉर्म सहज, जानें किसे ई-फाइलिंग से मिली छूट
जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और जो सेलरी, एक मकान या ब्याज के जरिये आय प्राप्त कर रहे हैं, वे एक पेज का ‘सहज’ फार्म भरकर आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2018-19 (वित्त वर्ष 2017-18) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न के फार्म अधिसूचित कर दिए हैं। सालाना 50 लाख रुपये तक सेलरी वाले व्यक्तिगत करदाता एक पेज का आइटीआर-1 ‘सहज’ फार्म भरकर आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। खास बात यह है कि करदाताओं को नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में जमा की गयी धनराशि का ब्योरा इस बार आयकर रिटर्न में नहीं देना पड़ेगा। आयकर विभाग ने यह जानकारी मांगने वाला कॉलम रिटर्न से हटा दिया है। वहीं सालाना पांच लाख रुपये तक आय वाले व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन की जगह पेपर रिटर्न भी दाखिल कर सकेंगे।
‘सहज’ में देनी होगी कई सूचनाएं: आयकर विभाग के मुताबिक जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और जो सेलरी, एक मकान या ब्याज के जरिये आय प्राप्त कर रहे हैं, वे एक पेज का ‘सहज’ फार्म भरकर असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। साथ ही करदाताओं को सेलरी से आय के साथ-साथ कर योग्य भत्तों, अतिरिक्त सुविधाओं का भी ब्योरा देना होगा। उन्हें मकान से आय के बारे में यह बताना होगा कि उन्हें इससे कितना किराया मिला और इस संपत्ति पर स्थानीय अथॉरिटी को कितना टैक्स चुकाया। साथ ही मकान खरीदने के लिए उधार ली गयी रकम पर चुकाए जाने वाले ब्याज का ब्योरा भी इसमें देना होगा।
विभाग के मुताबिक पिछले साल तीन करोड़ करदाताओं ने ‘सहज’ फार्म का इस्तेमाल कर रिटर्न दाखिल किया था। हालांकि इसमें सेलरी व मकान संपत्ति से आय का ब्योरा देना अनिवार्य होगा।
गैर वेतनभोगियों के लिए अलग फार्म: आयकर विभाग ने एक अन्य रिटर्न फार्म आइटीआर-2 भी अधिसूचित किया है जिसे ऐसे व्यक्तिगत करदाता दाखिल कर सकते हैं जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से इतर दूसरे स्नोतों से है। वहीं व्यवसाय करने वाले करदाता व पेशेवर आइटीआर फार्म -3 या आइटीआर फार्म -4 (सुगम) (अनुमानित आय के मामले में) भर सकेंगे।
नोटबंदी में जमा की जानकारी नहीं देनी होगी: इस बार आयकर रिटर्न फार्म में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। मसलन, नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा की गयी नकदी का ब्योरा अब करदाताओं को नहीं देना होगा। आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2017-18 के फार्म में यह कॉलम रखा था लेकिन असेसमेंट ईयर 2018-19 के फार्म से इसे हटा दिया गया है। इसी तरह अनिवासी करदाताओं को अपने एक विदेशी बैंक खाते का ब्योरा भी देना होगा ताकि रिफंड की राशि उनके खाते में भेजी जा सके।
ई-फाइलिंग से दो श्रेणियों को छूट
पिछले साल की तरह इस साल भी आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल होंगे लेकिन आयकर विभाग ने दो श्रेणी के करदाताओं को ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता से छूट भी प्रदान की है। मसलन, 80 वर्ष या इससे अधिक उम्र के व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन के अलावा पेपर रिटर्न भी दाखिल कर सकेंगे। इसी तरह जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें भी पेपर रिटर्न भरने की इजाजत होगी। लेकिन पेपर रिटर्न से वे रिफंड का दावा नहीं कर पाएंगे।
क्या होता है असेसमेंट ईयर
दरअसल कोई व्यक्ति या कंपनी जिस वित्त वर्ष में आय अर्जित करती है, उसका असेसमेंट आयकर विभाग अगले वित्त वर्ष में साल करता है, जिसे असेसमेंट ईयर (आकलन वर्ष) कहते हैं। मसलन वित्त वर्ष 2017-18 में आपको जो आय हुई है उसका असेसमेंट 2018-19 में किया जाएगा। असेसमेंट ईयर भी वित्त वर्ष की तरह एक अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च तक चलता है। इस तरह एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 के दौरान अर्जित आय के लिए करदाताओं को असेसमेंट ईयर 2018-19 में आयकर रिटर्न भरना होगा। आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि आम तौर पर 31 जुलाई होती है।