डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर फिर 65 के पार, पढ़िए बड़े कारण और एक्सपर्ट की राय
जीएसटी संग्रह घटने से राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका गहरा रही है। जो रुपए को कमजोर कर रही है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बुधवार के सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपए में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। 29 पैसे से ज्यादा की कमजोरी के साथ खुला रुपया 65 के पार पहुंच गया। यह डॉलर के मुकाबले रुपए का साढ़े तीन महीने का निचला स्तर है। विशेषज्ञ रुपए में इस गिरावट की वजह घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों पर मान रहे हैं। मसलन, जहां घरेलू स्तर पर जीएसटी संग्रह घटने से राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका रुपए को कमजोर कर रही है वहीं मजबूत होती अर्थव्यवस्था अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की सुगबुगाहट को बढ़ा रही हैं। मजबूत अर्थव्यवस्था की उम्मीद डॉलर को मजबूती दे रही है, जिसके चलते रुपया समेत सभी करेंसी गिरावट के साथ कारोबार कर रही हैं।
कहां तक जाएगी गिरावट
केडिया कमोडिटीज के प्रमुख अजय केडिया का मानना है कि वैश्विक और घेरलू संकेतों के बीच रुपए की गिरावट आने वाले सत्रों में भी जारी रह सकती है। इस गिरावट में रुपया अगर 65.30 का स्तर तोड़ता है तो 65.50 का स्तर भी अगले कुछ सत्रों में देखने को मिलेगा। बुधवार को रुया 65.27 के स्तर पर बंद हुआ।
रुपए में गिरावट के बड़े कारण
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में सरकार को जीएसटी संग्रह से कुल 86,318 करोड़ रुपए मिले हैं, जो दिसंबर के 86703 करोड़ की तुलना में कुछ कम ही है। जीएसटी संग्रह में कमी के चलते राजकोषीय घाटे के बढ़ने की आशंका है। जो रुपए को कमजोर कर रहा है।
रुपए में गिरावट की बड़ी वजह हाल के उजागर हुए देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले से जुड़ी है। फर्जी एलओयू का मामला सामने आने के बाद इंपोर्ट फाइनेंस पर बैंकों ने सख्ती की है। बैंकों ने आयतकों से इंपोर्ट के लिए पहले ज्यादा दस्तावेज मांगने शुरू कर दिये हैं। इंपोर्ट फाइनेंस में सख्ती से आयतक बड़ी मात्रा में डॉलर की खरीदारी कर रहे हैं जो रुपए में कमजोरी का एक बड़ा कारण है।
रुपए की कमजोरी का दूसरा बड़ा कारण दुनियाभर की मुद्राओं के सामने डॉलर का मजबूत होना है। फेडरल रिजर्व के नए चेयरमैन जिरोम पॉवेल ने यह संकेत दिए कि महंगाई को काबू रखने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी। मंगलवार को अमेरिकी संसद के समक्ष पॉवेल ने आने वाले वर्षों में आर्थिक वृद्धि और मॉनेटरी पॉलिसी पर केंद्रीय बैंक का आउटलुक बताते हुए यह बात कही। ब्याज दरें बढ़ने की आशंका गहराने से डॉलर में मजबूती दिखी और डॉलर इंडेक्स 90 के पार पहुंच गया।
रुपए की कमजोरी का चौथा बड़ा कारण शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से भारी बिकवाली है। विदेशी संस्थागत निवेशक जब शेयर बाजार में बिकवाली करते हैं तो सीधे तौर पर देश से बड़ी मात्रा में डॉलर बाहर जा रहा होता है। डॉलर का देश से बाहर जाना रुपए की कमजोरी का बड़ा कारण है।
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