Ruchi Soya अगले साल लाएगी FPO, स्वामी रामदेव ने दी जानकारी; जानें पूरा ब्योरा
पिछले साल पतंजलि समूह ने दिवाला प्रक्रिया के तहत 4350 करोड़ रुपये में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। रुचि सोया शेयर बाजारों पर सूचीबद्ध कंपनी है। कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी करीब 99 फीसद है जिसमें पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों के अनुसार कमी लाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। खाद्य तेल से जुड़ी कंपनी रुचि सोया अगले साल फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) लाएगी। पतंजलि आयुर्वेद की स्वामित्व वाली Ruchi Soya इस FPO के जरिए कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी में कमी लाएगी। स्वामी रामदेव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पतंजलि समूह ने अधिग्रहण के बाद रुचि सोया का प्रभावी संचालन किया है। पिछले साल पतंजलि समूह ने दिवाला प्रक्रिया के तहत 4,350 करोड़ रुपये में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। रुचि सोया शेयर बाजारों पर सूचीबद्ध कंपनी है। कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी करीब 99 फीसद है, जिसमें पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों के अनुसार कमी लाना आवश्यक है।
रामदेव ने कहा, ''अगले साल हम FPO लाने जा रहे हैं, जिसके जरिए हम अपनी शेयरधारिता में कमी लाएंगे।''
कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि सेबी के नियमों के मुताबिक प्रवर्तकों को जून, 2021 तक हिस्सेदारी में 10 फीसद की कमी करनी होगी। वहीं, 36 माह में हिस्सेदारी में 25 फीसद की कमी लाए जाने की जरूरत होगी। बोर्ड में इस संबंध में एक प्रस्ताव पहले ही पारित हो चुका है।
रामदेव ने प्रस्तावित FPO का आकार साझा नहीं किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि रुचि सोया के कारोबार में वृद्धि जारी रहेगी। रुचि सोया Nutrela सहित विभिन्न ब्रांड्स के तहत अपने प्रोडक्ट बाजार में बेचती है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा मंजूर समाधान योजना के मुताबिक रुचि सोया में प्रवर्तकों एवं प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 98.90 फीसद पर है। शेष 1.10 फीसद हिस्सेदारी पब्लिक शेयरहोल्डिंग के रूप में है। सेबी के लिस्टिंग नियमों के मुताबिक कंपनी को पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़ानी होगी।
पिछले सप्ताह रुचि सोया ने जानकारी दी थी कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आमदनी 28.09 फीसद की वृद्धि के साथ 3,990.72 करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है। कंपनी का शुद्ध लाभ 54.88 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 126.73 करोड़ रुपये पर रहा।
रामदेव ने कहा, ''हमने रुचि सोया का संचालन बहुत अच्छे तरीके से किया है। लोग यह कहते हुए हम पर संदेह जता रहे थे कि हमें केवल एफएमसीजी बिजनेस चलाने का अनुभव है, कमोडिटी बिजनेस के संचालन का नहीं।''