Women Apprentices: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महिला प्रशिक्षु की जबदरस्त डिमांड, 10 महीनों में पांच गुना बढ़ी मांग
महिला प्रशिक्षुओं की मांग में वृद्धि मुख्य तौर पर मोटर वाहन इलेक्टि्रक वाहन (ईवी) इलेक्ट्रानिक तथा फोन मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों में तेजी के दम पर मुमकिन हो पाई। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में प्रशिक्षुता के तहत करीब 70 प्रतिशत महिलाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से हैं। यह कौशल विकास तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से इन क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का संकेत देता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में महिला प्रशिक्षु की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कारखाने भर्ती प्रक्रियाओं में अब लैंगिक समानता को अपना रहे हैं जो समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। 'स्टाफिंगग कंपनी' टीमलीज के अनुसार, पिछले आठ से 10 महीने में 10/12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर युवा महिलाओं को प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त करने की मांग में पांच गुना वृद्धि हुई है, जो भारत के कार्यबल की गतिशीलता में बदलते परिदृश्य को दर्शाता है।
महिला प्रशिक्षुओं की मांग में वृद्धि मुख्य तौर पर मोटर वाहन, इलेक्टि्रक वाहन (ईवी), इलेक्ट्रानिक तथा फोन मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों में तेजी के दम पर मुमकिन हो पाई। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में प्रशिक्षुता के तहत करीब 70 प्रतिशत महिलाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से हैं। यह कौशल विकास तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से इन क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का संकेत देता है।
टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप के मुख्य रणनीति अधिकारी सुमित कुमार ने कहा, ''इस उछाल से महिला प्रशिक्षुओं के प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय वृद्धि होने का अनुमान है, जो वर्ष के अंत तक 40 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।''