टेलीकॉम के बाद ई-कॉमर्स बिजनेस में उतरेंगे मुकेश अंबानी, एमेजॉन और वॉलमार्ट को मिलेगी टक्कर
ऑनलाइन बिजनेस का खाका सार्वजनिक करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि समूह की दो कंपनियां रिलायंस रिटेल और जियो इन्फोकॉम संयुक्त रूप से देश में नए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगी।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। एमेजॉन और वॉलमार्ट को टक्कर देने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में कदम रखेगी। ऑनलाइन बिजनेस का खाका सार्वजनिक करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि समूह की दो कंपनियां रिलायंस रिटेल और जियो इन्फोकॉम संयुक्त रूप से देश में नए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगी।
वाइब्रेंट गुजरात समिट के 9वें संस्करण को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि रिलायंस की इस पहल से सबसे पहले गुजरात जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के करीब 12 लाख खुदरा व्यापारी और स्टोर ऑनर्स जुड़ेंगे।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही के नतीजों में कंपनी ने पहली बार कंज्यूमर बिजनेस विशेषकर टेलीकॉम और रिटेल ऑपरेशंस से होने वाली कमाई का जिक्र किया है। कंपनी ने बताया है कि उसकी कुल कमाई में इन क्षेत्रों से एक चौथाई की मदद मिली। वहीं पेट्रोकेमिकल्स से 42 फीसद जबकि रिफाइनिंग से 26 फीसद राजस्व कमाने में मदद मिली।
रिलायंस की 41वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा था कि उनकी कंपनी की कोशिश 2025 तक राजस्व को दोगुना करने की है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाएगा क्योंकि रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस का राजस्व हाइड्रोकार्बन बिजनेस की बराबरी में पहुंच जाएगा।
2017-18 में कंपनी ने कुल 430,731 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था, जिसमें कंपनी को शुद्ध रूप से 36,075 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी को शुद्ध 10,251 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है।
2020 तक 6.6 लाख करोड़ रुपये की होगी ऑनलाइन इंडस्ट्री
भारत में ई-कॉमर्स सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाला बिजनेस है और इस सेक्टर में एमेजॉन और वॉलमार्ट सबसे बड़ी कंपनी है। 2010 से 2014 के बीच भारत का ई-कॉमर्स 209 फीसदी की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ा है। 2010 में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री करीब 20,020 करोड़ रुपये का था जो 2014 में बढ़कर 83,096 करोड़ रुपये का हो गया।
सीआईआई और डेलॉएट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारत में ऑनलाइन रिटेल इंडस्ट्री के 6.6 लाख करोड़ रुपये के होने की उम्मीद है। वहीं केपीएमजी के अनुमान के मुताबिक यह 7.78 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है।
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