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51% भारतीयों की रिटायरमेंट को लेकर नहीं है कोई प्लानिंग, बचत की जगह लाइफस्टाइल पर खर्च को ज्यादा त्वज्जो दे रहे युवाः सर्वे

भारत के बारे में यह धारणा पुरानी हो चुकी है कि यह बचत करने वालों का देश है। Home Loan Credit Card और अनसेक्योर्ड लोन की संख्या में वृद्धि से इस बात का पता चलता है। एक हालिया सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 02:34 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:45 PM (IST)
51% भारतीयों की रिटायरमेंट को लेकर नहीं है कोई प्लानिंग, बचत की जगह लाइफस्टाइल पर खर्च को ज्यादा त्वज्जो दे रहे युवाः सर्वे
इस सर्वे में यह बात सामने आई कि आज शहरी भारतीय कम बचत एवं निवेश कर रहे हैं। (PC: Pexels)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के बारे में यह धारणा पुरानी हो चुकी है कि यह बचत करने वालों का देश है। Home Loan, Credit Card और अनसेक्योर्ड लोन की संख्या में वृद्धि से इस बात का पता चलता है। PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड द्वारा हाल में कराए गए इस सर्वेक्षण से इस बात का खुलासा हुआ है।  प्रमुख शोध संस्था नीलसन द्वारा किए इस हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय अब पहले के मुकाबले सेविंग और इंवेस्टमेंट कम कर रहे हैं और अब सेविंग एवं भविष्य को लेकर प्लानिंग की बजाय वर्तमान खर्चों पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं।

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PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ अजीत मेनन ने इस सर्वेक्षण के बारे में बताया, ''आज के दौर में आपको सिर्फ एक वित्तीय लक्ष्य के लिए लोन नहीं मिल सकता, तो वह है रिटायरमेंट। अन्य सभी चीजों के लिए आपको लोन मिल सकता है। उच्च शिक्षा, मकान, कार के लिए और बिजनेस शुरू करने के लिए भी। ऐसे में हम सबके ऊपर यह जिम्मेदारी आ जाती है कि इसके लिए आप हर तरीके से तैयार रहें। आने वाले वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ने वाली संख्या को देखते हुए हमें इस बात पर अध्ययन की जरूरत महसूस हुई कि रिटायरमेंट बचत के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया क्या होती है और लोगों में इस वित्तीय लक्ष्य के प्रति कितनी अधिक जागरूकता है?'' 

उन्होंने कहा कि इस सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि रिटायरमेंट प्लानिंग लोगों की प्राथमिकता में सबसे नीचे है, जबकि बच्चों और पति या पत्नी की वित्तीय सुरक्षा और यहां तक कि फिटनेस एवं लाइफस्टाइल इसमें ऊपर हैं।  

इस सर्वेक्षण से इस बात की भी जानकारी मिलती है कि जिन लोगों ने रिटायरमेंट की प्लानिंग की है, उनमें भी इसको लेकर जागरूकता का अभाव है। 

आइए इस सर्वे से जुड़ी अहम बातों एवं इसके निष्कर्ष पर एक नजर डालते हैंः 

  • 15 शहरों में कराए गए इस सर्वे में यह बात सामने आई कि आज शहरी भारतीय कम बचत एवं निवेश कर रहे हैं, वे अपनी आमदनी का करीब 59% मौजूदा खर्चों पर लगा रहे हैं।
  • कम बचत को देखते हुए भारतीयों में अपने भविष्य को लेकर व्यग्रता बढ़ती जा रही है। 
  • अध्ययन में शामिल 51% लोगों ने अपनी रिटायरमेंट के लिए कोई वित्तीय योजना नहीं बनाई है। 
  • रिटायरमेंट को लेकर किसी तरह की तैयारी नहीं करने वाले 89 फीसद लोगों के पास आय का कोई वैकल्पिक स्रोत भी नहीं है।
  • हर 5 भारतीय में से केवल 1 ही रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय महंगाई पर विचार करता है। 
  • सर्वे में शामिल 41% लोगों ने रिटायरमेंट के लिए निवेश के मामले में जीवन बीमा पर जोर दिया है, जबकि 37% ने सावधि जमा योजनाओं यानी एफडी को प्राथमिकता दी है।
  • दूसरी ओर 48% प्रतिभागियों को यह अंदाजा नहीं था कि रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए उन्हें कितनी रकम की आवश्यकता होगी। 
  • इस सर्वे में यह भी बात सामने आई कि भारतीय रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय अपने जीवन की व्यक्तिगत घटनाओं का तो ध्यान रखते हैं, लेकिन बाहरी घटनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं।
  • इस चीज की बहुत अधिक जरूरत है कि भारतीय वित्तीय सेवा कंपनियां रिटायरमेंट प्लानिंग पर फोकस करें ताकि भारतीय दक्षता के साथ वित्तीय निर्णय ले सकें। 

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