खुदरा महंगाई में कमी से बढ़ी सस्ते कर्ज की आस
नौकरी पेशा मध्यवर्ग के लिए दिवाली से पहले अच्छी खबर है। फल और सब्जियों के भाव नीचे रहने से सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई घटकर 6.46 प्रतिशत रह गई है। यह इसका जनवरी, 2012 के बाद का न्यूनतम स्तर है। महंगाई में गिरावट आने से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गइ
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नौकरी पेशा मध्यवर्ग के लिए दिवाली से पहले अच्छी खबर है। फल और सब्जियों के भाव नीचे रहने से सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई घटकर 6.46 प्रतिशत रह गई है। यह इसका जनवरी, 2012 के बाद का न्यूनतम स्तर है। महंगाई में गिरावट आने से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई है। रिजर्व बैंक इसी महंगाई को ध्यान में रखकर ही ब्याज दर घटाने या बढ़ाने का फैसला लेता है।
खुदरा महंगाई दर में गिरावट का सिलसिला जुलाई में शुरू हुआ। अगस्त में खुदरा महंगाई 7.73 प्रतिशत थी। राहत की बात यह है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी अगस्त के 9.35 से घटकर सितंबर में 7.67 प्रतिशत हो गई है। खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर पिछले साल सितंबर में 11.75 प्रतिशत थी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में सब्जियों के भाव 8.59 प्रतिशत बढ़े, जबकि अगस्त में इनमें 15.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसी तरह फलों के भाव बढ़ने की रफ्तार भी सुस्त हुई। अगस्त में फलों के दाम में 24.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो सितंबर में घटकर 22.4 प्रतिशत रह गई। अंडे, मछली और मांस के दाम भी सितंबर में अगस्त की तुलना में कम बढ़े।
हालांकि चिंता की बात यह है कि शहरों की तुलना में गांवों में खुदरा महंगाई दर अधिक है। सितंबर में शहरों में खुदरा महंगाई दर 6.34 तथा गांवों में 6.68 प्रतिशत रही। अगस्त में यह क्रमश: 7.04 और 8.27 प्रतिशत थी।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद इसलिए बढ़ी है, क्योंकि रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर को अपनी चौथी द्विमासिक मौद्रिक एवं कर्ज नीति की समीक्षा करते समय ब्याज दरों को यथावत रखा था। केंद्रीय बैंक अब दो दिसंबर को पांचवी द्विमासिक समीक्षा में खुदरा महंगाई के न्यूनतम स्तर को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती का फैसला कर सकता है। वैसे, रिजर्व बैंक ने मार्च, 2015 तक खुदरा महंगाई दर घटाकर आठ और मार्च, 2016 तक छह प्रतिशत के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन इससे काफी समय पहले सितंबर में ही खुदरा महंगाई दर 6.46 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है। सरकार ने जनवरी, 2012 से खुदरा महंगाई मापने की नई प्रणाली इस्तेमाल की थी। इस तरह तब से लेकर अब तक खुदरा महंगाई का यह न्यूनतम स्तर है।
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