आठ महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई
महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के साथ ही सरकार की परेशानी बढ़ गई है। इस साल जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.4 फीसद पर पहुंच गई। यह इसका आठ माह का उच्चतम स्तर है। मई में खुदरा कीमतों के आधार पर मापी जाने वाली महंगाई की यह दर
नई दिल्ली । महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के साथ ही सरकार की परेशानी बढ़ गई है। इस साल जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.4 फीसद पर पहुंच गई। यह इसका आठ माह का उच्चतम स्तर है। मई में खुदरा कीमतों के आधार पर मापी जाने वाली महंगाई की यह दर 5.01 फीसद थी। सरकार की ओर से गुरुवार को खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) के आंकड़े जारी किए गए।
रिजर्व बैंक (आरबीआइ) खुदरा महंगाई के आंकड़ों के आधार पर ही अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों पर कोई फैसला लेता है। पिछले महीने ही केंद्रीय बैंक ने कहा था कि खुदरा बाजार में कीमतें अब भी चिंता का सबब बनी हुई हैं। आरबीआइ को अगले माह की चार तारीख को मौद्रिक नीति की दोमाही समीक्षा करनी है।
खाने-पीने की चीजों के दाम
जून के दौरान खुदरा बाजार में खाने-पीने की चीजें 5.48 फीसद महंगी हुई, जबकि मई में ऐसी चीजों के दाम 4.8 फीसद बढे़ थे। बीते साल जून में अलबत्ता खाद्य महंगाई की यह दर 7.21 फीसद थी। जून में दालों के दामों में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई। इस दौरान दालों की महंगाई 22.24 फीसद उछल गई। सब्जियों की महंगाई दर 4.64 से बढ़कर 5.37 फीसद हो गई। दूध और इसके उत्पाद 7.18 फीसद महंगे हुए। पिछले माह ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 5.52 से बढ़कर कर 6.07 फीसद हो गई है। इस दौरान शहरी इलाकों में इस किस्म की महंगाई दर 4.55 फीसद हो गई है, जबकि मई में यह दर 4.41 फीसद थी।
इस दौरान कपड़ों व फुटवियर की महंगाई दर बढ़कर 6.34 फीसद हो गई। ईधन और बिजली की महंगाई दर में मामूली कमी आई। यह 5.96 से घटकर 5.92 फीसद रह गई। बीते साल के समान माह के मुकाबले देखें तो जून में चीनी और कन्फेक्शनरी उत्पादों की कीमतों में 8.55 फीसद की गिरावट आई।