2017 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान, नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश
सीपीआई आधारित महंगाई दर (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) साल 2017 में 5.3 फीसदी के करीब रह सकती है, जो कि बीते वित्त वर्ष 2016 में 5.1 फीसदी पर रही थी।
नई दिल्ली। सीपीआई आधारित महंगाई दर (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) साल 2017 में 5.3 फीसदी के करीब रह सकती है, जो कि बीते वित्त वर्ष 2016 में 5.1 फीसदी पर रही थी। यह अनुमान जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने लगाया है। वहीं यह संभावना तेज है कि आरबीआई नए साल में रेपो दर में 0.25 फीसदी तक की कटौती कर सकता है।
क्या कहा नोमुरा ने:
जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी के नोमुरा के मुताबिक साल 2017 में महंगाई दर ऊंची रहेगा और यह अगले साल चौथी तिमाही में 6.0 फीसदी के आंकड़े को पार कर सकता है। नोमुरा की एक शोध रिपोर्ट बतलाती है, “हमारा अनुमान है कि सीपीआई महंगाई दर 2017 में औसतन 5.3 प्रतिशत रहेगी जो 2016 में 5.1 फीसदी और 2015 में 4.9 फीसदी से अधिक है। इसमें कहा गया है कि जीएसटी क्रियान्वयन के मद्देनजर खुदरा महंगाई दर ऊंची बनी रहेगी। क्योंकि सेवाओं पर ऊंची कर और विनिर्माताओं की ओर से कम कर का लाभ ग्राहकों को नहीं देने का जोखिम है। इससे सीपीआई में 0.1 से 0.2 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर खुदरा महंगाई पर:
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की वजह से आवास भत्ते में होने वाली वृद्धि के कारण खुदरा महंगाई दर में 1.0 से 1.5 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 की पहली छमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि दूसरी छमाही में इसके 5.8 फीसदी पर पहुंच जाने की संभावना है।