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Retail Inflation: जून में 6.26 फीसद पर रही खुदरा महंगाई दर, खाने-पीने की चीजों में आई तेजी

जून में खुदरा महंगाई दर 6.26 फीसद पर रही। इस तरह मई के मुकाबले देखा जाए तो खुदरा महंगाई दर में मामूली कमी देखने को मिली। इस साल मई में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) 6.3 फीसद पर रही थी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 06:57 AM (IST)
जून में खुदरा महंगाई दर 6.26 फीसद पर रही।

नई दिल्ली, पीटीआइ। जून में खुदरा महंगाई दर 6.26 फीसद पर रही। इस तरह मई के मुकाबले देखा जाए तो खुदरा महंगाई दर में मामूली कमी देखने को मिली। इस साल मई में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) 6.3 फीसद पर रही थी। इस तरह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित महंगाई दर जून में भी रिजर्व बैंक के लक्ष्य से ज्यादा रही। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो-छह फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है।

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नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जून, 2021 में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.15 फीसद पर रही, जो मई महीने में 5.01 फीसद पर रही थी।

मई के IIP आंकड़ों में सुधार

नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस की ओर से सोमवार को जारी IIP आंकड़ों में कहा गया है कि मई महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 29.3 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। पिछले साल मई में IIP में 33.4 फीसद की गिरावट देखने को मिली थी।

NSO की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल मई मई, 2021 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन में 34.5 फीसद का उछाल देखने को मिला। वहीं आलोच्य महीने में खनन सेक्टर के उत्पादन में 23.3 फीसद और बिजली उत्पादन में 7.5 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई।

जून में खाने-पीने की चीजों में सिर्फ सब्जी के दाम में 1.94 फीसद और अनाज के दाम में 0.7 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की तरफ से खुदरा महंगाई की अधिकतम सीमा छह फीसद निर्धारित की गई है। इस वर्ष अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.23 फीसद थी। जून में वनस्पति व तेल, फल, दाल, ईधन, यातायात एवं संचार जैसे मद में दहाई अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर के इस स्तर पर पहुंचने से वस्तुओं की खपत कम हो सकती है, जो आर्थिक रिकवरी को प्रभावित करेगी। लगातार दो महीनों के दौरान खुदरा महंगाई दर छह फीसद से अधिक रहने के बावजूद आरबीआइ द्वारा अपनी अगली मौद्रिक समीक्षा में बैंक दरों पर कोई फैसला लेने की उम्मीद कम है। इसकी वजह यह है कि अच्छे मानसून को देखते हुए खरीफ की बेहतर बोआई से खुदरा महंगाई दर घट सकती है। आपूर्ति पक्ष भी अब पूरी तरह से सुगम होता दिख रहा है।


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