दिसंबर 2018 में नियुक्तियों में 8 फीसद की तेजी, ऑटो और एचआर क्षेत्र में हुई सर्वाधिक नियुक्तियां
नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के मुताबिक दिसंबर 2017 के मुकाबले दिसंबर 2018 में नियुक्तियों में तेजी आई।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पिछले साल दिसंबर महीने में नियुक्तियों में 8 फीसद का इजाफा देखने को मिला। ऑटो और उससे जुड़ी सहायक इंडस्ट्री के साथ एचआर जैसे क्षेत्रों में हुए नियुक्तियों में इजाफे की वजह से यह तेजी आई।
नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के मुताबिक दिसंबर 2017 के मुकाबले दिसंबर 2018 में नियुक्तियों में तेजी आई। इस दौरान ऑटो और उससे जुड़ी सहायक इंडस्ट्री में होने वाली हायरिंग में 24 फीसद का इजाफा हुआ जबकि एचआर डोमेन में 17 फीसद नियुक्तियां बढ़ीं। आईटी सॉफ्टवेयर में भी 14 फीसद की ग्रोथ देखने को मिली। इंडेक्स का आकलन नौकरी डॉट कॉम पर हर महीने आने वाली नियुक्तयों की जरूरत के आधार पर की जाती है।
पिछले साल के आखिरी महीने के दौरान दिल्ली और बेंगुलुरू में नियुक्तियों में तेजी देखने को मिली। इन दोनों शहरों में होने वाली हायरिंग में क्रमश: 13 फीसद और 10 फीसद की तेजी आई। इंफोएज इंडिया के सीएमओ सुमित सिंह ने कहा, ‘2018 का समापन सभी बड़े शहरों और उद्योगों में हायरिंग की तेजी के साथ हुआ है। पिछले कुछ महीनों के दौरान आईटी और ऑटो एवं उससे सहायक कंपनियों में होने वाली नियुक्तियों में सर्वाधिक तेजी रही है। हायरिंग के लिहाज से यह साल बीपीओ और एफएमसीजी के लिए ठीक रहा है। हम यह उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में यह तेजी जारी रहेगी।’
अकाउंटिंग इंडस्ट्री में तेजी की वजह से चेन्नई में जहां नियुक्तियों में 9 फीसद का इजाफा हुआ वहीं मुंबई में एफएमसीजी इंडस्ट्री में तेजी की वजह से हायरिंग गतिविधियों में 9 फीसद की तेजी दर्ज की गई। आईटी हार्डवेयर और आईटी सॉफ्टवेयर में क्रमश: 18 और 22 फीसद की ग्रोथ की वजह से बेंगलुरू में नियुक्तियों में 13 फीसद का उछाल आया। जबकि पुणे में आईटी इंडस्ट्री की 20 फीसद ग्रोथ की वजह से हायरिंग में 15 फीसद की तेजी रही।
नियुक्तियों में इजाफे की खबर वैसे समय में सामने आई है जब हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट में साल 2018 में करीब एक करोड़ 10 लाख लोगों के नौकरी खत्म होने का दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक नौकरियों के कम होने का सर्वाधिक असर अशिक्षित महिलाओं, दिहाड़ी मजदूर, खेतिहर मजदूर और छोटे व्यापारियों पर हुआ है।
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