वैश्विक आर्थिक संकट के कारण भारत को विदेशों से भेजे जाने वाले धन में 23 फीसद की गिरावट का अनुमान: World Bank
भारत भेजे जाने वाले धन में साल 2020 में 23 फीसद की गिरावट का अनुमान है जिससे यह 64 अरब डॉलर रह सकता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से उपजी वैश्विक मंदी के कारण भारत को विदेशों से भेजे जाने वाले धन में 23 फीसद की कमी आने की संभावना है। बैंक ने कहा कि यह पिछले साल के 83 अरब डॉलर से इस साल 64 अरब डॉलर पर आ सकता है। वर्ल्ड बैंक द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते आर्थिक संकट के कारण वैश्विक प्रेषण में इस साल 20 फीसद की गिरावट का अनुमान है। यह अनुमानित गिरावट हाल के इतिहास की सबसे तेज गिरावट होगी।
रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत भेजे जाने वाले धन में साल 2020 में 23 फीसद की गिरावट का अनुमान है, जिससे यह 64 अरब डॉलर रह सकता है। इससे पहले साल 2019 में भारत में 83 अरब डॉलर का धन भेजा गया था।' वर्ल्ड बैंक ग्रुप के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा कि प्रेषण विकासशील देशों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के कारण मौजूदा आर्थिक संकट विकसशील देशों को धन भेजने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है।'
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के वेतन में कटौती और रोजगार में कमी के कारण प्रेषण धन में कमी आ रही है। मालपास ने कहा कि प्रेषण से परिवारों को भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, 'वर्ल्ड बैंक समूह देशों को त्वरित सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मदद के माध्यमों को खुला रखने और गरीब समुदायों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।'
सभी विश्व बैंक समूह क्षेत्रों में प्रेषण धन में गिरावट का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में धन प्रेषण में करीब 23 फीसद, बाग्लादेश में 22 फीसद, नेपाल में 14 फीसद और श्रीलंका में धन प्रेषण में 19 फीसद की गिरावट आ सकती है। गौरतलब है कि कोरना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लगभग सभी रेटिंग एजेंसियों ने साल 2020 में वैश्विक मंदी रहने का अनुमान लगाया है।