महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर, अप्रैल महीने में CPI आधारित मुद्रास्फीति में आई गिरावट
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में सीपीआई आधारित महंगाई दर 4.29 फीसद रही यह मार्च महीने में 5.52 फीसद रही थी। वहीं एक साल पहले अप्रैल 2020 में यह 7.22 फीसद रही थी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। महंगाई के मोर्चे पर एक राहत भरी खबर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर में अप्रैल महीने में गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) में भी गिरावट दर्ज की गई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में सीपीआई आधारित महंगाई दर 4.29 फीसद रही, यह मार्च महीने में 5.52 फीसद रही थी। वहीं, एक साल पहले अप्रैल 2020 में यह 7.22 फीसद रही थी।
Year on year rate of inflation (%) based on All India Consumer Price Index (CPI) and Consumer Food Price Index (CFPI) for April 2021#KnowYourStats#DataForDevelopment pic.twitter.com/cLf1P5sJln
— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) May 12, 2021
Month to month change (%) based on All India Consumer Price Index (CPI) and Consumer Food Price Index (CFPI) for the month of April 2021.#KnowYourStats#DataForDevelopment pic.twitter.com/7eLiRANPhX— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) May 12, 2021
उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई की बात करें, तो यह अप्रैल महीने में 2.02 फीसद पर रही है। यह मार्च महीने में 4.87 फीसद पर रही थी। एक साल पहले अप्रैल 2020 में यह 11.73 फीसद पर रही थी।
Index of Industrial Production (IIP) for March 2021: Sectoral pic.twitter.com/pPQL4hQB6x— Ministry of Statistics & Programme Implementation (@GoIStats) May 12, 2021
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को आईआईपी के आंकड़े भी जारी किये हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत के औद्योगिक उत्पादन में इस साल मार्च में सालाना आधार पर 22.4 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच बेस इफेक्ट की वजह से देश के फैक्टरी आउटपुट में यह उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है। यह आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब देशभर में कोविड-19 की दूसरी लहर देखने को मिल रही है।