KG-D6 विवाद में Reliance पर 20-40 करोड़ डॉलर की देनदारी का अनुमान, जानें नौ साल पुराना यह मामला
सरकार ने KG-D6 लागत वसूली विवाद को लेकर Reliance पर मंजूर विकास योजना के हिसाब से काम नहीं करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Reliance Industires का अनुमान है कि सरकार के साथ नौ साल पुराने एक विवाद में कंपनी पर अधिकतम 40 करोड़ डॉलर (3,000 करोड़ रुपये) की देनदारी बैठेगी। कंपनी का यह विवाद मंजूर निवेश योजना का अनुपालन नहीं कर पाने की वजह से केजी-डी6 क्षेत्र में कथित तौर पर क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाने से संबंधित है। उल्लेखनीय है कि बंगाल की खाड़ी में केजी-डी6 ब्लॉक के धीरूभाई-1 और 3 क्षेत्रों में प्रोडक्शन शुरुआत के दूसरे साल यानी 2010 से ही कंपनी के अनुमानों से नीचे आने लगा था। इन गैस फील्ड्स में इस साल फरवरी में उत्पादन बंद हो गया। सरकार ने इसके लिए कंपनी पर मंजूर विकास योजना के हिसाब से काम नहीं करने का आरोप लगाया था। इसी चीज को आधार बनाते हुए कंपनी को तीन अरब डॉलर की लागत निकालने की अनुमति सरकार की ओर से नहीं दी गई।
हालांकि, कंपनी ने सरकार के इस आरोप को विरोध किया है और मामले को मध्यस्थता के लिए ले गई है। RIL ने हाल में लाए गए राइट्स इश्यू के डॉक्यूमेंट्स में इस विवाद का जिक्र किया है। रिलायंस ने राइट्स इश्यू के दस्तावेज में कहा है कि सरकार ने कंपनी और केजी-डी 6 ब्लॉक में उसकी भागीदार कंपनियों को नोटिस भेजा है।
RIL के मुताबिक सरकार ने नोटिस में कहा है कि कंपनी और उसकी साझीदारों ने मंजूर विकास योजना का पालन नहीं किया। सरकार ने कहा है कि क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं किए जाने से उनको लागत वसूली की अनुमति नहीं दी जा सकती। सरकार ने अतिरिक्त मुनाफे की भी मांग कंपनी से की है।
वहीं, कंपनी ने कहा है कि केजी-डी6 के अनुबंध में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो इस आधार पर सरकार को लागत वसूली की मंजूरी नहीं देने का अधिकार देता हो।
Reliance ने 23 नवंबर, 2011 को केंद्र सरकार को मध्यस्थता से जुड़ा नोटिस दिया था। कंपनी और सरकार तीन सदस्यों वाले मध्यस्थता न्यायाधिकरण के समक्ष अपना-अपना पक्ष रख चुके हैं। अब इस मामले में निर्णायक सुनवाई अगले साल सितंबर से दिसंबर तक हो सकती है।
RIL ने दस्तावेज में कहा है कि यह मामला फिलहाल लंबित है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि इस मामले में उसपर 20 करोड़ डॉलर से 40 करोड़ डॉलर तक की देनदारी बैठ सकती है।