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अनिल अंबानी को एक और झटका, आरकॉम की इकाई ने डाली दिवाला याचिका

जीसीएक्स के पास समुद्र के नीचे दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट केबल सिस्टम है। कंपनी ने यूनाइटेड स्टेट्स बैंकरप्सी कोड के चैप्टर 11 के तहत बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 12:17 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 12:17 PM (IST)
अनिल अंबानी को एक और झटका, आरकॉम की इकाई ने डाली दिवाला याचिका
अनिल अंबानी को एक और झटका, आरकॉम की इकाई ने डाली दिवाला याचिका

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एक समय में देश के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शुमार रहे अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अब उनकी स्वामित्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशन्स लिमिटेड की सब्सिडरी ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज (जीसीएक्स) ने अमेरिका के एक कोर्ट में बैंकरप्सी प्रोटेक्शन की याचिका दाखिल की है। कंपनी ने 35 करोड़ डॉलर का एक भुगतान करने में विफल रहने के बाद यह कदम उठाया है।

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जीसीएक्स के पास समुद्र के नीचे दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट केबल सिस्टम है। 'ब्लूमबर्ग' की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने पुनर्गठन की योजना तैयार की है। इसमें बॉन्ड डेब्ट में 15 करोड़ डॉलर की कमी का उल्लेख भी है।

जीसीएक्स ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी ने यूनाइटेड स्टेट्स बैंकरप्सी कोड के चैप्टर 11 के तहत यह मामला दर्ज कराया है। उसने कहा है कि वह अपनी सेवाएं पहले की तरह जारी रखेगी। आरकॉम की सब्सिडरी ने कहा है कि 75 फीसद कर्जदाताओं ने इस प्लान को अपना समर्थन देने की बात कही है।

रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने पिछले महीने जीसीएक्स की रेटिंग को Caa1 से घटाकर Ca कर दिया था। कंपनी के 35 करोड़ डॉलर के बॉन्ड के भुगतान में डिफॉल्ट करने के बाद उसकी रेटिंग घटा दी गयी थी।

जीसीएक्स की पैरेंट कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस ने भी बैंकरप्सी याचिका दायर की है। अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप ने रोड से रेडियो स्टेशन तक बेचकर 21,700 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसका लक्ष्य ज्यादा-से-ज्यादा कर्ज का भुगतान सुनिश्चित करना है। 

अनिल अंबानी की अगुवाई वाली एक और कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड ने हाल में कहा था कि वह ऑर्डर की कमी के कारण नकदी के भारी संकट से गुजर रही है 


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