दूसरंचार विभाग से मंजूरी का इंतजार, Rcom-जियो डील की मियाद जून तक बढ़ी
इस अधिग्रहण सौदे को सरकार और नियामकीय प्राधिकरणों की मंजूरी के बाद ही अमली जामा पहनाया जा सकेगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम)-जियो डील की मियाद अब बढ़ गई है।रिलायंस जियो ने घोषणा की है कि उन्होंने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली फर्म की वायरलेस परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए मियाद को बढ़ा दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब रिलायंस कम्युनिकेशंस के स्पेक्ट्रम को जियो को बेचने के सौदे को दूरसंचार विभाग की मंजूरी का इंतजार है।
रिलायंस इंडस्ट्री ने नियामकीय फाइलिंग में बताया, "रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड जो कि रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड की सब्सिडियरी है ने आरकॉम लिमिटेड और उसकी सहयोगियों की परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए बाध्यकारी समझौते की अवधि को बढ़ा दिया है। अब यह अवधि बढ़कर 28 जून 2019 हो गई है।" इस अधिग्रहण सौदे को सरकार और नियामकीय प्राधिकरणों की मंजूरी के बाद ही अमली जामा पहनाया जा सकेगा, साथ ही इसमें सभी कर्जदाताओं की सहमति भी जरूरी होगी और जिस संपत्ति की बिक्री की जानी है उसकी हर अहम जानकारी भी देनी होगी।
एक अलग फाइलिंग में रिलायंस कम्युनिकेशन्स ने बताया कि कंपनी और रिलायंस जियो ने 28 दिसंबर 2017 को साइन किए गए एग्रीमेंट की मियाद को बढ़ा दिया है। इसमें टावर, फाइबर, एमसीएन और आरकॉम के स्पेक्ट्रम की बिक्री के समझौते की अवधि को बढ़ाकर 28 जून, 2019 कर दिया गया है। आरकॉम ने कहा कि यह लेनदेन विभिन्न स्वीकृतियों के अधीन होगा जो कि फिलहाल प्रगति पर हैं।
गौरतलब है कि रिलायंस कम्युनिकेशन्स ने दूरसंचार विभाग से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए "लंबे समय से प्रतीक्षित अनापत्ति प्रमाण पत्र" देने का आग्रह किया है।