क्रिप्टोकरेंसी पर RBI ने फिर चेताया, कहा- निजी क्रिप्टोकरेंसी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पैदा कर सकती है बाधा
रिपोर्ट के मुताबिक विश्व की 100 शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार पूंजीकरण 2.8 लाख करोड़ डालर यानी करीब 210 लाख करोड़ रुपये मूल्य का हो चुका है। आरबीआइ के अनुसार क्रिप्टो में बड़े पैमाने पर निवेश से रियल इकोनमी को खतरा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ¨चता एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। तिमाही वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक का रुख पहले से भी ज्यादा गंभीर है। केंद्रीय बैंक ने खासतौर पर निजी क्रिप्टोकरेंसी को गैरकानूनी तरीके से सीमापार वित्तीय लेनदेन या आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की राह में एक बाधा के तौर पर चिन्हित किया है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले ही फूंक-फूंककर कदम उठा रही केंद्र सरकार को आरबीआइ की यह चेतावनी और सतर्क कर सकती है। सरकार ने मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी की थी, लेकिन अंतिम समय में उसे टाल दिया गया।
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आरबीआइ ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि बिना नाम-पहचान वाली क्रिप्टोकरेंसी पूरे इकोसिस्टम के लिए खतरा बन रही हैं। इससे पारदर्शिता बनाने की कोशिशों को धक्का लग रहा है। इससे गैरकानूनी वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा मिल रहा है। इसके आधार पर नई तकनीक व व्यवस्थाएं भी बन रही हैं जिसमें शामिल लोगों की पहचान करना मुश्किल है।
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रिपोर्ट के मुताबिक विश्व की 100 शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार पूंजीकरण 2.8 लाख करोड़ डालर यानी करीब 210 लाख करोड़ रुपये मूल्य का हो चुका है। आरबीआइ के अनुसार क्रिप्टो में बड़े पैमाने पर निवेश से रियल इकोनमी को खतरा है।आरबीआइ के गवर्नर डा. शक्तिकांत दास पूर्व में कई बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी शंका जाहिर कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सार्वजनिक तौर पर क्रिप्टोकरेंसी जैसी तकनीक को लोकतंत्र के लिए एक चुनौती बताते हुए दुनियाभर के शीर्ष नेतृत्व को क्रिप्टो पर वैश्विक नियमावली बनाने का सुझाव दिया था।