फ्रॉड से बचाएगी आरबीआइ की हेल्पलाइन, यहां जानें नंबर
लोगों को इनाम का लालच देकर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रिजर्व बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर मिस्ड कॉल करके लोग इस बारे में जागरूक हो सकते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से आपको दो करोड़ रुपये देने के लिए चुना गया है। अपना विवरण दीजिए और पैसा घर ले जाइए।’ ऐसे लुभावने एसएमएस या ईमेल भेजकर लोगों को ठगने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आमजन को इस तरह की ठगी से बचाने के लिए अब खुद रिजर्व बैंक ने कमर कस ली है। केंद्रीय बैंक ने लोगों को जागरूक करने के लिए एसएमएस और मिस्ड कॉल हेल्पलाइन की व्यवस्था शुरू की है।
रिजर्व बैंक समय-समय पर ऐसे फ्रॉड को लेकर चेतावनी जारी करता रहता है। बावजूद इसके मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब केंद्रीय बैंक ने जागरूकता फैलाने के लिए लोगों को एसएमएस भेजना शुरू किया है। एसएमएस में कहा गया है, ‘बड़ी राशि पाने के लिए कभी किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस का भुगतान न करें। रिजर्व बैंक, गवर्नर या सरकार की ओर से कभी ऐसा ईमेल, एसएमएस या फोन नहीं किया जाता है।’ केंद्रीय बैंक ने एक हेल्पलाइन नंबर 8691960000 भी जारी किया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करके ऐसी धोखाधड़ी के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा सकती है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करते ही एक फोन कॉल आती है, जिसमें ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में कदम-दर-कदम क्या किया जाना चाहिए, उसकी जानकारी दी जाती है। लोगों को स्थानीय पुलिस के साइबर सेल और आरबीआइ की विशेष वेबसाइट ‘सचेत डॉट आरबीआइ डॉट ओआरजी डॉट इन’ पर शिकायत दर्ज कराने को भी कहा जाता है।
रिजर्व बैंक के एक एसएमएस में यह भी कहा गया है कि ऐसी किसी लॉटरी या इनाम के लालच वाला ईमेल या मैसेज मिलते ही उसकी शिकायत जरूर करें। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह कभी कोई लॉटरी या इनाम नहीं निकालता है। न ही इसमें कोई व्यक्तिगत खाता खोला जाता है। लोगों को बैंकिंग संबंधी धोखाधड़ी से बचाने के लिए अन्य तमाम बैंक भी मैसेज अभियान चला रहे हैं। इनमें स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि बैंक कर्मचारी कभी किसी ग्राहक से कोई निजी जानकारी जैसे एटीएम या क्रेडिट कार्ड का पिन या ओटीपी नहीं मांगते हैं।
कैसे होती है धोखाधड़ी
फोन, एसएमएस या ईमेल के जरिये ऐसी धोखाधड़ी को अंजाम दिया जाता है। किसी-किसी एसएमएस या ईमेल में तो रिजर्व बैंक के गवर्नर के फर्जी हस्ताक्षर भी रहते हैं। रिजर्व बैंक और उसके गवर्नर का नाम लेकर इनका प्रयास लोगों का भरोसा जीतना और उनकी बैंकिंग जानकारियां हासिल करना होता है। जरा सी चूक होते ही लोगों को हजारों की चपत लग जाती है। ये लोग अक्सर इनाम की राशि पाने के लिए प्रोसेसिंग फीस का भुगतान करने की बात कहते हैं। इनके बहकावे में आकर कई लोग करोड़ों के इनाम की चाहत में हजारों रुपये प्रोसेसिंग फीस के रूप में इनके बताए खाते में जमा करा देते हैं। पैसा मिलते ही फोन आना बंद हो जाता है और अक्सर उनका खाता भी निष्क्रिय हो जाता है। कभी-कभी बैंकिंग से जुड़ी निजी जानकारियां हासिल करने के बाद ऐसे लोग ऑनलाइन फ्रॉड को भी अंजाम देते हैं।