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RBI की MPC की बैठक शुरू, जानें ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को लेकर क्या है एक्सपर्ट्स की राय

RBI MPC Meeting केयर रेटिंग्स में चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरुआती लक्षणों और विभिन्न तरह के जोखिमों का आकलन करने के बाद किसी तरह का निर्णय करेगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 04:31 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 06:45 PM (IST)
RBI की MPC की बैठक शुरू, जानें ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को लेकर क्या है एक्सपर्ट्स की राय
केंद्रीय बैंक फरवरी से अब नीतिगत दरों में 1.15 फीसद की कटौती कर चुका है। (PC: AP Photo)

मुंबई, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक बुधवार को प्रारंभ हो गई। MPC की तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक का आगाज इन संभावनाओं के बीच हुआ है कि केंद्रीय बैंक बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है। आरबीआई चार दिसंबर को नीतिगत दरों को लेकर MPC के फैसले को लेकर घोषणा करेगा। अक्टूबर में मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए नीतिगत दरों को यथावत रखा था जो हाल के समय में 6 फीसद की सीमा से ज्यादा रही है। 

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आरबीआई ने अनुमान जताया है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 9.5 फीसद का संकुचन देखने को मिल सकता है। केंद्रीय बैंक फरवरी से अब नीतिगत दरों में 1.15 फीसद की कटौती कर चुका है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा महंगाई दर में वृद्धि की वजह से संभव है कि आरबीआई इस बार भी नीतिगत दरों में कमी नहीं करेगा। 

यस सिक्योरिटीज में सीनियर प्रेसिडेंट एंड इंस्टीच्युशनल रिसर्च हेड अमर अंबानी ने कहा कि विभिन्न संकेतक और जीडीपी डेटा भारत में आर्थिक गतिविधियों में अच्छी-खासी रिबाउंड को दिखाते हैं लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। 

अंबानी ने कहा, ''हम इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि दिसंबर 2020 की नीतिगत बैठक में आरबीआई यथास्थिति को बरकरार रख सकता है। साथ ही फरवरी 2021 में 0.25 फीसद की कटौती की थोड़ी-बहुत संभावनाएं भी अब धूमिल होती नजर आ रही हैं।''

केयर रेटिंग्स में चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरुआती लक्षणों और विभिन्न तरह के जोखिमों का आकलन करने के बाद किसी तरह का निर्णय करेगी।

सबनवीस ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि मुद्रास्फीति से जुड़े दबाव के बावजूद आरबीआई नीतिगत दरों को चार फीसद पर बनाए रख सकता है तथा इसको लेकर अपने रुख को उदार बनाए रख सकता है।''


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