आरबीआइ का नया एनक्रिप्टेड टोकन नियम होगा लागू, एक जनवरी से बाद आएगा ऑनलाइन भुगतान का तरीका
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी व्यापारियों और भुगतान गेटवे को अपने पास सहेजे गए कार्ड से मिले ग्राहकों के संवेदनशील डाटा को हटाने और इसके बजाय लेनदेन करने के लिए एन्क्रिप्टेड टोकन का उपयोग करने के लिए कहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऑनलाइन भुगतान को और सुरक्षित बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी व्यापारियों और भुगतान गेटवे को अपने पास सहेजे गए कार्ड से मिले ग्राहकों के संवेदनशील डाटा को हटाने और इसके बजाय लेनदेन करने के लिए एनक्रिप्टेड टोकन का उपयोग करने के लिए कहा है। केंद्रीय बैंक के द्वारा बनाया गया यह नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा। बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस बदलाव के बारे में सूचित करना भी शुरू कर दिया है। एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को जानकारी देते हुए यह कहा कि, मर्चेंट वेबसाइट या ऐप पर सहेजे गए आपके एचडीएफसी कार्ड के विवरण को आरबीआइ के आदेश के मुताबिक हटा दिया जाएगा। अब हर बार भुगतान करने के लिए आपको कार्ड का पूरा विवरण दर्ज करना होगा या टोकन विकल्प को चुनना होगा।
आरबीआई ने मार्च 2020 में दिशानिर्देश जारी करते हुए यह कहा था कि, व्यापारियों को डाटा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनी वेबसाइटों पर कार्ड की जानकारी को सहेजने की अनुमति नहीं होगी। इसने सितंबर 2021 में नए दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें कंपनियों को साल के अंत तक नियमों का पालन करने और उन्हें टोकन देने का विकल्प दिया गया था। आरबीआई ने भारत में सभी कंपनियों को 1 जनवरी, 2022 से अपने सिस्टम से सहेजे गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड डाटा को हटाने का आदेश दिया था।
क्या है यह टोकन सिस्टम
जब आप लेन-देन के लिए अपने कार्ड, डेबिट या क्रेडिट का उपयोग करते हैं, तो इसके लिए आपना 16-अंकीय कार्ड नंबर, कार्ड की समाप्ति तिथि, सीवीवी के साथ-साथ वन-टाइम पासवर्ड या लेनदेन पिन जैसी जानकारी देनी होती है। कोई ट्रांजैक्शन तभी सफल होता है जब किसी विशिष्ट लेनदेन के लिए इन सभी जानकारियों को सही ढंग से दर्ज किया जाता है। टोकनाइजेशन दिए जाने वाले कार्ड विवरण को टोकन पद्धति से अद्वितीय वैकल्पिक कोड के साथ बदल देगा को। यह टोकन कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता और डिवाइस के हर एक संयोजन के लिए अलग होगा।
क्या बदलेगा एक जनवरी से
जनवरी के बाद से, जब आप किसी मर्चेंट को पहला भुगतान करेंगे, तो आपको ऑथेंटिकेशन (AFA) के साथ उसे अपनी सहमति देनी होगी। एक बार ऑथेंटिकेशन हो जाने के बाद, आप अपने कार्ड का सीवीवी और ओटीपी को दर्ज करके भुगतान पूरा करें सकेंगे।