RBI ने होम लोन पर बैंकों के लिए जोखिम पूंजी प्रावधानों में ढील, रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलने के आसार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्थिक गतिविधियों में हाउसिंग सेक्टर के महत्व को देखते हुए होम लोन पर बैंकों के जोखिम संबंधी प्रावधानों में ढील देने का शुक्रवार का ऐलान किया। इस फैसले से लेनदार और लेंडर दोनों को मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्थिक गतिविधियों में हाउसिंग सेक्टर के महत्व को देखते हुए होम लोन पर बैंकों के जोखिम संबंधी प्रावधानों में ढील देने का शुक्रवार का ऐलान किया। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से होम लोन कर्ज देने वालों और साथ ही कर्ज लेने वालों दोनों के लिए बहुत आकर्षक हो जाएगा। जोखिम से जुड़े वेटेज में संशोधन किए जाने के बाद बैंकों को पूंजी का प्रावधान कम करना होगा और वे ज्यादा होम लोन देने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक समीक्षा बैठक की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2022 तक मंजूर किए जाने वाले सभी होम लोन के लिए अब केवल कर्ज की राशि और आवासीय सम्पत्ति के मूल्य के अनुपात :एलटीवी: की कसौटी ही लागू होगी।
RBI ने कहा है कि अब आवासीय सम्पत्ति मूल्य के 80 फीसद तक के कर्ज पर बैंकों के लिए 35 फीसद रिस्क वेट के आधार पर पूंजी का प्रोविजन रखना होगा। इसी तरह 90 फीसद तक के कर्ज के लिए रिस्क वेट 50 फीसद के अनुसार पूंजी रखनी होगी।
अभी तक बैंकों के लिए कर्ज की राशि और एलटीवी दोनों के आधार पर अलग-अलग रिस्क वेट के अनुसार प्रावधान करना होता था। आरबीआइ के मुताबिक रिस्क वेट की कसौटी को तर्कसंगत बनाए जाने से 'बैंक होम लोन देने को प्रोत्साहित होंगे।'
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के लिहाज से रियल एस्टेट सेक्टर के महत्व को देखते हुए कर्ज पर जोखिम पूंजी संबंधी प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने का यह फैसला किया गया है।
विकास और नियामकीय नीतियों को लेकर दिए गए बयान में कहा गया है कि इन कदमों से रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन मिलने के आसार हैं।
बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आरबीआइ के फैसले से हाउसिंग सेक्टर और खासकर रिटेल हाउसिंग सेक्टर को काफी मजबूती मिलेगी।