RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई शुरू, रेपो रेट व अन्य नीतिगत दरों को लेकर शुक्रवार को होगी घोषणा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक बुधवार को शुरू हो गई। यह समिति आरबीआई की प्रमुख नीतिगत दरों का निर्धारण करती है। इस बीत की उम्मीद जतायी जा रही है कि आरबीआई की एमपीसी ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी
मुंबई, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक बुधवार को शुरू हो गई। यह समिति आरबीआई की प्रमुख नीतिगत दरों का निर्धारण करती है। इस बीत की उम्मीद जतायी जा रही है कि आरबीआई की एमपीसी ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी और मौद्रिक रुख को 'उदार' बनाए रखेगी। इससे ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए जरूरी मौद्रिक उपाय किए जा सकेंगे। वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेशहोने के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक है। इस बात की उम्मीद की जा रही है कि पांच फरवरी को घोषित होने वाले द्विमासिक नीतिगत दरों में एमपीसी बेंचमार्क रेपो रेट में कटौती से बचेगी। इससे सिस्टम में पर्याप्त मात्रा में लिक्विडिटी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। तीन दिन की बैठक के बाद एमपीसी के फैसलों को घोषणा पांच फरवरी को होगी।
एमपीसी ने पिछली तीन बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया था। इस समय रेपो रेट चार फीसद के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर है। रेपो रेट पर आरबीआई बैंकों को लघु अवधि का लोन देता है। वहीं, इस समय रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर है। इस दर पर बैंक अपने पास जमा धनराशि रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं।
केंद्रीय बैंक पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में 1.15 फीसद की कटौती कर चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव करने से बचेगा और नीतिगत समीक्षा में मौद्रिक रुख को उदार बनाए रखेगा।