Move to Jagran APP

नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं

हालांकि महंगाई दर के कम रहने के कारण एमपीसी मौद्रिक नीति के रुख को बदलकर निरपेक्ष कर सकती है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 10:21 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 10:21 AM (IST)
नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं
नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्तीय चुनौतियों और कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आगामी बैठक में मुख्य ब्याज दरों में कटौती का फैसला नहीं ले सकती है। हालांकि महंगाई दर के कम रहने के कारण एमपीसी मौद्रिक नीति के रुख को बदलकर निरपेक्ष कर सकती है। एमपीसी की दोमाही बैठक 5-7 फरवरी को होने वाली है।

loksabha election banner

आरबीआइ के नए गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की यह पहली बैठक होगी। पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के पद छोड़ने के बाद शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 में पद संभाला था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग ने कहा कि एमपीसी इस बैठक में अपनी मौद्रिक नीति के रुख को सख्त से बदलकर निरपेक्ष कर सकती है। खुदरा महंगाई दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 2.6 फीसद रही है। महंगाई के कम रहने और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने की खबरों के कारण खुदरा महंगाई दर 2018-19 में आरबीआइ के चार फीसद लक्ष्य से कम रह सकती है।

आरबीआइ के बोर्ड को संबोधित करेंगे पीयूष गोयल

बजट पेश होने के बाद आरबीआइ के केंद्रीय बोर्ड की होने वाली पारंपरिक बैठक को वित्त मंत्री पीयूष गोयल संबोधित करेंगे। यह बैठक नौ फरवरी को होने वाली है। इसमें अंतरिम बजट के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए अंतरिम लाभांश की सरकार की मांग पर भी विचार होगा। पहली छमाही में आरबीआइ की वित्तीय स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में सरकार को 28,000 करोड़ रुपये अंतरिम लाभांश की उम्मीद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.