वित्त वर्ष 2019 के लिए अब रेपो रेट को बरकरार रख सकता है RBI: रिपोर्ट
कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (सीपीआई) आधारित महंगाई दर अक्टूबर में इस साल के निचले स्तर के साथ 3.31 फीसद पर रही
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुख्य मुद्रास्फीति (हेडलाइन इन्फ्लेशन) के बेहतर रहने का अनुमान लगाते हुए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस वित्त वर्ष के बाकी बचे महीनों के दौरान रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई से उधार मिलता है।
बीते दिन जारी हुए महंगाई के आंकड़ों में कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (सीपीआई) आधारित महंगाई दर अक्टूबर में इस साल के निचले स्तर के साथ 3.31 फीसद पर रही है जो कि सितंबर महीने में 3.7 फीसद रही थी। खुदरा महंगाई सितंबर 2017 के बाद का सबसे निचला स्तर है जब यह 3.28 फीसद पर रही थी। कोटक इकोनॉमिक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, "मौद्रिक नीति समिति का मुख्य फोकस सीपीआई मुद्रास्फीति पर रहता है जिसे इस वित्त वर्ष के बाकी बचे दिनों में अच्छे रहने का अनुमान है। हम वित्त वर्ष 2019 के बाकी बचे महीनों के लिए रेट हाईक की कम संभावना देखते हैं।"
इस रिपोर्ट में मुख्य मुद्रास्फीति के 2.8 से 4.3 फीसद की रेंज में रहने का अनुमान लगाया गया है। यहां इस बात पर ध्यान दिया जा सकता है कि केंद्रीय बैंक ने अपनी अक्टूबर की पॉलिसी बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखा था, इसके पहले इसने दो बार नीतिगत दरों में 0.25 फीसद का इजाफा किया था। वर्तमान में रेपो रेट 6.5 फीसद है। गौरतलब है कि रेपो रेट पर आरबीआई की अगली बैठक 4 और 5 दिसंबर 2018 को होनी है। इसके बाद इस वित्त वर्ष की आखिरी बैठक 5 और 6 फरवरी 2019 को होगी।