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RBI Monetary Policy 2019: आज होगा मौद्रिक दरों का ऐलान, त्योहारों से पहले EMI में कमी की मिल सकती है सौगात

RBI Monetary Policy इस बात की पूरी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक लगातार पांचवीं बार ब्याज दर में कटौती का ऐलान कर सकता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 08:53 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 11:54 AM (IST)
RBI Monetary Policy 2019: आज होगा मौद्रिक दरों का ऐलान, त्योहारों से पहले EMI में कमी की मिल सकती है सौगात
RBI Monetary Policy 2019: आज होगा मौद्रिक दरों का ऐलान, त्योहारों से पहले EMI में कमी की मिल सकती है सौगात

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया शुक्रवार को एक बार फिर प्रमुख बेंचमार्क दर रेपो रेट में 0.25 से 0.40 फीसद की कटौती कर सकता है। आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक इस सप्ताह मंगलवार और गुरुवार को हो चुकी है। समिति की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को करेंगे। इस बात की पूरी उम्मीद की जा रही है देश को विकास की पटरी पर तेजी से दौड़ाने के लिए केंद्रीय बैंक कर की दर को और उदार बना सकता है। दास के आरबीआइ गवर्नर बनने के बाद से सरकार और आरबीआइ के बीच देश की अर्थव्यवस्था की जरूरतों के मुताबिक जबर्दस्त सामंजस्य बन चुका है। 

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हाल ही में केंद्रीय बैंक ने अपने रिजर्व फंड से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला भी हो चुका है। पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में आरबीआइ गवर्नर दास ने संकेत भी दिए कि महंगाई की दर काफी नीचे रहने की वजह से अभी रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश है। 

कोटक महिंद्रा बैंक की प्रेसिडेंट (कंज्यूमर बैंकिंग) शांति एकम्बरम का कहना है कि अभी सरकार बाजार में भरोसा बनाने में जुटी है। सरकार के स्तर पर कई तरह के फैसले किए गए हैं जिससे अर्थव्यवस्था में अनुकूल माहौल बना है। इस माहौल को बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक रेपो रेट में एक बार फिर 0.20 से 0.25 फीसद तक की कटौती कर सकता है। 

अक्टूबर के महीने से सामान्य तौर पर कर्ज लेने की रफ्तार भी बढ़ जाती है। ऐसे में आरबीआइ रेपो रेट में 0.40 आधार फीसद की कटौती कर यह संकेत दे सकता है कि बाजार में ब्याज दरों के नीचे जाने का रास्ता अब भी खुला है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रिपोर्ट ने रेपो रेट में 0.35 फीसद की कटौती का अनुमान लगाया है। 

इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के पांच फीसद से नीचे आने के बाद आरबीआई वित्त वर्ष 2019-20 के वृद्धि अनुमानों में कोई बदलाव करता है या नहीं। इसके साथ ही मुद्रास्फीति से जुड़े अनुमानों पर भी आरबीआई का रुख देखना अहम होगा। 

केंद्रीय बैंक देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूती देने के लिए इस साल अब तक चार मौकों पर रेपो रेट में कटौती कर चुका है। आरबीआई इस साल अब तक रेपो रेट में कुल मिलाकर 1.10 फीसद की कटौती कर चुका है। 


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