आरबीआई अगली मौद्रिक समीक्षा में भी बरकरार रख सकता है नीतिगत दरें: रिपोर्ट
दिसंबर महीने में हुई मौद्रिक समीक्षा नीति में आरबीआई ने अपने महंगाई पूर्वानुमान को बढ़ा दिया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच इस बात की संभावना तेज है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगली मौद्रिक समीक्षा में भी नीतिगत दरों को बरकरार रखे। इतना ही नहीं रिजर्व बैंक मार्च और मई के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को भी बढ़ा सकता है। आरबीआई की अगली एमपीसी बैठक फरवरी महीने में होनी है।
क्या रहा महंगाई का हाल: रिटेल इन्फ्लेशन (खुदरा महंगाई) आधारित कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स दिसंबर महीने में बढ़कर 5.21 फीसद पर पहुंच गया था जो कि नवंबर महीने में 4.88 फीसद पर रहा था। जबकि हैडलाइन इन्फ्लेशन आधारिक होलसेल प्राइज इंडेक्स दिसंबर महीने में 3.58 फीसद रही जो कि नवंबर महीने में 3.93 फीसद रही है।
डीबीएस बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है ऐसे समय में मुद्रास्फीति में सख्ती जब ग्रोथ सुधार के संकेत दे रही है और राजकोषीय गिरावट का जोखिम बढ़ रहा है, ने केंद्रीय बैंक को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। रिपोर्ट में कहा गया, “फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई वित्त वर्ष 2018 के लिए महंगाई पूर्वानुमान में इजाफा कर सकता है और ग्रोथ अनुमान को कम कर सकताहै जो कि मौजूदा समय में 6.7 फीसद पर है। हम उम्मीद करते हैं कि बेंचमार्क रेपो रेट अगले महीने 6 फीसद पर ही बरकरार रह सकती है।”
गौरतलब है कि दिसंबर महीने में हुई मौद्रिक समीक्षा नीति में आरबीआई ने अपने महंगाई पूर्वानुमान को बढ़ाकर तीसरी और चौथी तिमाही के लिए 4.3 फीसद से 4.7 फीसद कर दिया था जो कि पहले 4.2 से 4.6 फीसद तय किया गया था।