Move to Jagran APP

RBI फिर घटा सकता है ब्याज दर, आपकी EMI हो सकती है और कम

घरेलू एवं ग्लोबल ब्रोकरेज दोनों का मानना है कि महंगाई दर में कमी और निगेटिव आउटपुट गैप के चलते उदार मौद्रिक नीति का रास्ता खुल सकता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 04:15 PM (IST)
RBI फिर घटा सकता है ब्याज दर, आपकी EMI हो सकती है और कम
RBI फिर घटा सकता है ब्याज दर, आपकी EMI हो सकती है और कम

नई दिल्ली, पीटीआइ। अगर आप अपने मकान या कार का ईएमआई चुका रहे हैं तो रिजर्व बैंक अगले महीने आपको और राहत दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक अगले महीने भी अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के तहत नीतिगत दरों में कमी कर सकता है। खुदरा महंगाई दर के रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य के अंदर रहने के कारण इन उम्मीदों को और बल मिला है।

prime article banner

घरेलू एवं ग्लोबल ब्रोकरेज दोनों का मानना है कि महंगाई दर में कमी और निगेटिव आउटपुट गैप के चलते उदार मौद्रिक नीति का रास्ता खुल सकता है।

ऑफिशियल डेटा के मुताबिक खाने-पीने की चीजें महंगी होने के कारण अगस्त में खुदरा महंगाई दर आंशिक रूप से बढ़कर 3.21 फीसद हो गई। जुलाई में यह आंकड़ा 3.15 फीसद पर था।

हालांकि, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण भारत के औद्योगिक उत्पादन का ग्रोथ जुलाई में घटकर 4.3 फीसद रह गया।

जापान की फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़ी प्रमुख कंपनी नोमुरा ने एक नोट में कहा है, ''नियंत्रित महंगाई दर और बड़े निगेटिव आउटपुट गैप से अक्टूबर में मौद्रिक दरों में कमी की जमीन तैयार हो गयी है। हम चौथी तिमाही तक 0.40 फीसद की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।''

नोमुरा ने कहा कि रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में 6.9 फीसद की जीडीपी वृद्धि का अनुमान जताया है जो कुछ ज्यादा आशावादी ही लग रहा है। उसके मुताबिक चार अक्टूबर की पॉलिसी मीटिंग में इस वृद्धि अनुमान में कमी लायी जा सकती है।

बैंक ऑफ अमेरिका के मेरिल लिंच का भी मानना है कि निवेश बढ़ाने के लिए वास्तिवक ब्याज दर में कमी के वास्ते आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में कटौती जरूरी है।

उसने रिसर्च नोट में कहा है कि अगस्त की महंगाई दर के काबू में रहने के कारण इस बात की संभावना बढ़ गई है कि रिजर्व बैंक चार अक्टूबर को नीतिगत दरों में 0.50 फीसद की कटौती कर सकता है।

घरेलू ब्रोकरेज कोटक सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कमजोर ग्रोथ एवं नियंत्रित मुद्रास्फीति के कारण उसे लगता है कि आरबीआई अक्टूबर में नीतिगत दरों में 0.40 फीसद की कटौती करेगा।

उसने कहा है कि अब आरबीआई का ध्यान मुख्य रूप से इस बात पर रहेगा कि रेपो दर में कटौती का लाभ आम लोगों को मिले।

यहां बताते चले कि केंद्रीय बैंक इस साल नीतिगत दरों में चार बार कटौती कर चुका है। आरबीआई ने इस साल नीतिगत दरों में कुल-मिलाकर 1.10 फीसद की कमी की है एवं चार अक्टूबर को उसकी अगली द्विमासिक बैठक होगी।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक इस बात पर भी ध्यान दे रहा है कि नीतिगत दरों में कटौती का लाभ बैंकों से कर्ज लेने वालों को मिले क्योंकि आरबीआई की ओर से दरों में कटौती का लाभ बैंक अपने ग्राहकों को पास करने में देरी कर रहे थे। इसी को देखते हुए आरबीआई ने इस माह के पहले सप्ताह में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को रेपो दर आधारित ब्याज दर की नीति अपनाने का निर्देश दिया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK