RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोनाा वायरस को बताया 'अदृश्य रूप से वार करने वाली' महामारी
शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली केंद्रीय बैंक की MPC की बैठक 24 से 27 मार्च के बीच हुई थी। इस बैठक में रेपो रेट में 0.75 फीसद की कटौती का फैसला किया गया था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने वैश्विक वृद्धि की संभावनाओं को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है और इससे दुनियाभर में मंदी की आशंका पैदा हो गई है। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान हुए कामकाज के विवरण के मुताबिक समिति की बैठक में दास ने कहा कि यह मंदी वैश्विक वित्तीय संकट से ज्यादा गहरी हो सकती है। दास ने बैठक के दौरान कोविड-19 महामारी को 'अदृश्य रूप से वार करने वाला' करार दिया। उन्होंने कहा कि इस महामारी पर जल्द-से-जल्द काबू पाए जाने की जरूरत है। दास ने कहा, ''कोविड-19 महामारी अदृश्य रूप से वार करने वाली है। लोगों के मूल्यवान जीवन और मैक्रो-इकोनॉमी पर इसके बहुत अधिक प्रभाव से पहले इसके प्रसार को रोकने की जरूरत है। इन परिस्थितियों में विभिन्न सेक्टर्स में फाइनेंस के सुगम प्रवाह को सुनिश्चित करना अनिवार्य है क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।''
किसी भी तरह के कदम के लिए तैयार है RBI
दास ने कहा, ''रिजर्व बैंक नजर बनाए हुए है और कोविड-19 के प्रभाव को कम करने, वृद्धि को रिवाइव करने और वित्तीय स्थिरता कायम करने के लिए किसी भी तरह के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।''
कोविड-19 की वजह से समय से पहले MPC की बैठक
शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली केंद्रीय बैंक की MPC की बैठक 24 से 27 मार्च के बीच हुई थी। इस बैठक में रेपो रेट में 0.75 फीसद और रिवर्स रेपो रेट में 0.90 फीसद की कटौती का फैसला किया गया था। कोविड-19 से जुड़े संकट के बीच RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का आयोजन निर्धारित समय से पहले किया गया था। इस बैठक का आयोजन पूर्व के कार्यक्रम के अनुसार 31 मार्च, एक अप्रैल और तीन अप्रैल को किया जाने वाला था।
आरबीआइ प्रमुख ने कहा कि हम असाधारण समय का सामना कर रहे हैं। उन्होंने वर्तमान परिस्थियां को अभूतपूर्व करार दिया।