FY-19 की पहली एमपीसी बैठक 4 और 5 अप्रैल को, नरम हुई महंगाई के बीच होगा अहम फैसला
खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी महीने में 4 महीने के निचले स्तर के साथ 4.44 फीसद पर आ गई थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल और पांच अन्य एक्सपर्ट एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) की बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में परिवर्तन पर फैसला करेंगे। ये सभी सदस्य मुद्रास्फीति दर में आई हालिया कमी की पृष्ठभूमि में अपना फैसला लेंगे। अगले वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4-5 अप्रैल को प्रस्तावित है।
रिजर्व बैंक, जिसे मुद्रास्फीति की दर को 4 फीसद पर रखने का काम सौंपा गया है, ने मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए, पिछली तीन द्विमासिक नीतिगत समीक्षाओं में नीतिगत दर को 6 फीसद पर बरकरार रखा है। आरबीआई ने कहा, “वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान मौद्रिक नीति समिति की छह बैठकें होंगी।”
नए वित्त वर्ष (2018-19) की पहली एमपीसी बैठक 4 और 5 अप्रैल को प्रस्तावित है। इस पॉलिसी बैठक के फैसले 5 अप्रैल को जारी किए जाएंगे। वहीं आखिरी बैठक नए वित्त वर्ष के फरवरी महीने की 5 और 6 तारीख को होनी है।भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के अनुसार, केंद्रीय बैंक की ओर से मौद्रिक नीति समिति की कम से कम चार बैठकें आयोजित करना अनिवार्य है। एक वर्ष के लिए प्रस्तावित एमपीसी की बैठकों के शेड्यूल की रिपोर्ट उस वर्ष की पहली मीटिंग के कम से कम एक हफ्ते पहले प्रकाशित की जानी चाहिए।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति, जो नीतिगत दरों पर फैसला करने के लिए आरबीआई के लिए एक अहम कारक होती है फरवरी महीने में 4 महीने के निचले स्तर के साथ 4.44 फीसद पर आ गई थी। फरवरी महीने में खाने-पीने की चीजें काफी सस्ती हुई हैं।