Move to Jagran APP

रेपो दर में कटौती से अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में मिलेगी मदद: वित्त मंत्रालय

उल्लेखनीय है कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए 23 अगस्त के बाद से कई कदम उठाये हैं। इनमें कंपनियों के टैक्स में 10 फीसद के करीब कटौती

By NiteshEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 06:34 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 06:34 PM (IST)
रेपो दर में कटौती से अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में मिलेगी मदद: वित्त मंत्रालय
रेपो दर में कटौती से अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में मिलेगी मदद: वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती के फैसले को सही ठहराया है। मंत्रालय का कहना है कि इससे सरकार के आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में मदद मिलेगी। बता दें कि केन्द्रीय बैंक ने शुक्रवार को रेपो दर में 0.25 फीसद की कटौती कर इसे 5.15 फीसद कर दिया है। रेट घटाने के बाद सरकार का मानना है कि हाल ही में उसने आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए जो घोषणाएं कि हैं उसमें रेपो दर में कटौती मददगार साबित होगी।

prime article banner

उल्लेखनीय है कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए 23 अगस्त के बाद से कई कदम उठाये हैं। इनमें कंपनियों के टैक्स में 10 फीसद के करीब कटौती, बैंकों का मर्जर, एफडीआइ को लेकर की गई घोषणा और हाउसिंग सेक्टर को लेकर किए गए प्रमुख एलान शामिल हैं। इसके अलावा भी कई तरह की रियायतें दी गई है।

केंद्रीय बैंक ने पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के घटकर पांच फीसद पर आने के बाद चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.9 फीसद से घटाकर 6.1 फीसद कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई के फैसले से आने वाले दिनों में बाजार में नकदी की उपलब्धता और अधिक बढ़ेगी और मांग एवं खपत में बढ़ोत्तरी होगी। केंद्रीय बैंक ने इस कैलेंडर वर्ष में लगातार पांचवीं बार नीतिगत दर में कटौती की घोषणा की है। शीर्ष बैंक इस साल अबतक रेपो दर में कुल 1.35 फीसद की कटौती कर चुका है।

मालूम हो कि आरबीआई ने अगस्त, 2019 में अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक के दौरान जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.9 फीसद बताया था। RBI ने अपनी बैठक में दूसरी तिमाही के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान संशोधित कर 3.4 फीसद किया है। वहीं दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई के अनुमान 3.5 से 3.7 फीसद पर बरकरार रखा गया है। मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्य दरों में कटौती को लेकर सहमत रहे। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन से पांच दिसंबर 2019 को होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.