RBI की समीक्षा बैठक शुरू; एक बार फिर दरों में कटौती की है संभावना
इस बात की उम्मीद की जा रही है कि गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती कर सकती है।
मुंबई, पीटीआइ। रिजर्व बैंक की द्विमासिक बैठक मंगलवार को शुरू हो गई। इस बैठक के दौरान केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों पर फैसला करेगा। इस बात की उम्मीद की जा रही है कि गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती कर सकती है। आरबीआई गवर्नर पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि महंगाई दर काबू में हैं, जिससे आगे भी ब्याज दरों में कटौती के लिए अवसर उत्पन्न हो गया है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार के घटकर छह साल के निचले स्तर पर आने के बाद सरकार ने कई बड़े कदम उठाए है। केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर सरचार्ज में कमी जैसे फैसले शामिल हैं।
आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा तीन दिन की बैठक के बाद चार अक्टूबर को घोषित करेगी। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर समिति की बैठक नहीं होगी।
आरबीआई साल में अब तक चार बार नीतिगत दरों में कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक इस साल अब तक बेंचमार्क रेट में 1.10 फीसद की कटौती कर चुका है।
एमपीसी ने अगस्त में अपनी आखिरी बैठक में बेंचमार्क ब्याज दर में 0.35 फीसद की कटौती की थी। इसके बाद रेपो रेट घटकर 5.40 फीसद रह गया था।
आरबीआई एमपीसी की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पिछले महीने ही केंद्रीय बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों से रिटेल एवं एमएसएमई लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ने का निर्देश दिया था। केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पास करने के लिए यह दिशा-निर्देश जारी किया था।
इस अहम बैठक से पहले दास की अगुवाई वाली फाइनेंशियल स्टैबलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (एफएसडीसी) की उप समिति ने मौजूदा वृहद आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा की।