Move to Jagran APP

RBI ने लगातार दूसरी बार घटाई ब्याज दरें, 6% हुआ रेपो रेट - सस्ता होगा लोन

इस कटौती के बाद रेपो रेट घटकर अब 6 फीसद हो गया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:51 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 08:31 AM (IST)
RBI ने लगातार दूसरी बार घटाई ब्याज दरें,  6% हुआ रेपो रेट - सस्ता होगा लोन
RBI ने लगातार दूसरी बार घटाई ब्याज दरें, 6% हुआ रेपो रेट - सस्ता होगा लोन

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उम्मीद के मुताबिक ही ग्रोथ को प्राथमिकता देते हुए लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। ब्याज दरों में हुई इस कटौती के बाद बैंकों को लोन की दरों को सस्ता करना होगा, जिसका सीधा लाभ आम आदमी को कम ईएमआई के रूप में मिलेगा। 

loksabha election banner

तीन दिनों तक चली बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की। इस कटौती के बाद रेपो रेट घटकर 6 फीसद हो गया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने नीतिगत रुख को ''न्यूट्र्ल'' पर ही बरकरार रखा है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 4-2 के बहुमत से रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया।

पिछली बैठक में अप्रत्याशित रूप से आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा करते हुए इसे 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसद कर दिया था। वहीं मौद्रिक रुख को ''सख्त'' से बदलकर ''सामान्य/न्यूट्रल'' कर दिया था। नीतिगत रुख में बदलाव किए जाने के बाद माना जा रहा था कि आरबीआई आगे भी ब्याज दरों में कटौती की राहत दे सकता है।

आरबीआई ने महंगाई के लिए 4 फीसद (+- दो फीसद) का लक्ष्य रखा है। पिछले सात महीनों में महंगाई दर आरबीई के तय लक्ष्य से काफी नीचे रही है। ब्याज दरों को तय करने वक्त आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है।

गौरतलब है कि दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के बाद सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 7.2 फीसद का था।

भारत ने यह अनुमान वैसे समय में घटाया है, जब लगातार दूसरी तिमाही में जीडीपी में गिरावट आई है। जीडीपी में आई गिरावट के बाद माना जा रहा था कि अगली समीक्षा बैठक में आरबीआई का पूरा फोकस महंगाई की बजाए ग्रोथ पर होगा।

कम होंगी EMI: लगातार दो बैठकों में रेपो रेट में कटौती के बाद बैकों पर ब्याज दरों को कम करने का दबाव बढ़ गया है। आरबीआई इससे पहले भी बैंकों के समक्ष रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिए जाने को लेकर चिंता जता चुका है। इस कटौती के बाद ग्राहकों को ईएमआई में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि हाल ही में भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने एक लाख रुपये से अधिक की सेविंग डिपॉजिट की दरों को रेपो रेट से जोड़ दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि रेपो रेट में होने वाले बदलाव के साथ ही इन दरों में बदलाव होगा। 

यह भी पढ़ें: कमजोर मांग से सेवा क्षेत्र में गिरावट, मार्च में 52 रहा PMI इंडेक्स


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.