Move to Jagran APP

रघुराम राजन: गवर्नर रहते नहीं देखी सरकार की दखलअंदाजी, नोटबंदी पर नहीं था मेरा समर्थन

पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने अपनी बुक लॉन्चिंग के मौके पर कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 05 Sep 2017 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 05 Sep 2017 11:53 PM (IST)
रघुराम राजन: गवर्नर रहते नहीं देखी सरकार की दखलअंदाजी, नोटबंदी पर नहीं था मेरा समर्थन
रघुराम राजन: गवर्नर रहते नहीं देखी सरकार की दखलअंदाजी, नोटबंदी पर नहीं था मेरा समर्थन

नई दिल्ली (जेएनएन)। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम जी राजन ने मंगलवार को अपनी किताब ‘डू वाट आई डू’ की लॉन्चिंग के दौरान कई मुद्दों पर अपने विचार खुलकर सामने रखे। उन्होंने यहां पर सरकार के साथ अपने संबंधों के लेकर बीते साल लिए गए नोटबंदी के फैसले पर बेबाकी से अपनी राय सामने रखी। आपको बता दें कि राजन ने याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने साल 2013 में आरबीआई गर्वनर का पद संभाला था, तब भारतीय अर्थव्यवस्था मुश्किल में थी।

loksabha election banner

सरकार के साथ संबंधों पर क्या बोले: बतौर आरबीआई गवर्नर सरकार के संबंधों पर चर्चा करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि निजी रूप से उन्होंने अपने कामकाज में बिना किसी हस्तक्षेप के पर्याप्त मात्रा में स्वतंत्रता का लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा, “मुझे काफी स्वतंत्रता मिली, मैंने दो सरकारों के साथ काम किया। मैंने अपने पहले भाषण में जो एजेंडा निर्धारित किया, उसे लागू करने में सफल रहा। इसे लागू करने में किसी ने कोई दखलंदाजी नहीं की। दोनों सरकारों से मेरा रिश्ता अच्छा रहा। मैं दोनों को जानकारियां देता रहता था।”

बेहतर होगा कम बोलें और ज्यादा करके दिखाएं: राजन

सरकार पर अपनी राय देते हुए पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि हमेशा यही बेहतर होता है कि आप कम वादे करें और ज्यादा हासिल करके दिखाएं। उन्होंने कहा कि जब ग्रोथ के संदर्भ में चीन के साथ तुलना की बात आती है तो अजीब सवालों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दे कि बीते दो दशकों में राजन एकलौते ऐसे गवर्नर रहे हैं जिन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं दिया गया।

नोटबंदी पर सरकार को किया था आगाह:

वहीं नोटबंदी पर बोलते हुए राजन ने कहा कि जब बतौर गवर्नर उनसे नोटबंदी पर सुझाव मांगे गए थे तो उन्होंने कहा था कि लंबी अवधि के संदर्भ में देखें तो इसके फायदे हो सकते हैं लेकिन निकट अवधि में अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। राजन ने कहा कि फरवरी 2016 में उन्होंने सरकार को इस बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने अपनी किताब के माध्यम से कहा साथ ही उन्होंने कहा था कि ब्लैकमनी को सिस्टम में लाने के लिए नोटबंदी से बेहतर भी उपाय हो सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.