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जीएसटी से रेलवे पर आधारित पंजाब के उद्योग को नुकसान

कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, पंचकूला, चंडीगढ़, मोहाली व अंबाला समेत पंजाब एवं हरियाणा की 155 से 175 फर्मो को कुल 455 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान झेलना पड़ा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 12:31 PM (IST)Updated: Sun, 10 Dec 2017 12:31 PM (IST)
जीएसटी से रेलवे पर आधारित पंजाब के उद्योग को नुकसान
जीएसटी से रेलवे पर आधारित पंजाब के उद्योग को नुकसान

नई दिल्ली (हरनेक सिंह जैनपुरी)। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने से रेलवे पर आधारित उद्योग भी अछूते नहीं हैं। नई कर व्यवस्था लागू होने से कर बोझ बढ़ने से कारोबार में व्यवधान पैदा हो रहा है। इससे फैब्रिकेशन का काम करने वाले दोआबा समेत पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ की लगभग 175 उद्योग इकाइयों को 455 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार की क्षति होने का अनुमान है। पूरे देश में भारतीय रेलवे को विभिन्न कलपुर्जो की सप्लाई करने वाली देशभर की लगभग डेढ़ से दो लाख इकाइयां इस समस्या की जद में है।

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एशिया में सबसे अधिक कोच बनाने वाले रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला समेत पूरे रेलवे के तमाम टेंडर एक साल के लिए मान्य होते हैं। उसे कलपुर्जे सप्लाई करने वाली जिन फर्मो ने टेंडर भरे थे, उन्हें जीएसटी लागू होने के कारण टेंडर पर सप्लाई करने में दिक्कतें आ रही हैं। इससे उन्हें सैकड़ों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, पंचकूला, चंडीगढ़, मोहाली व अंबाला समेत पंजाब एवं हरियाणा की 155 से 175 फर्मो को कुल 455 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान झेलना पड़ा है। कपूरथला व जालंधर में कलपुर्जे की 32 इकाइयां हैं। इन दोनों जिले के सप्लायरों को 125 करोड़ तक का नुकसान हो चुका है।

फर्मो ने सप्लाई घटाई: हालात यह है कि 75 फीसदी फर्मो ने घाटे के कारण सप्लाई कम या बंद कर दी है। इस कारण कोच के निर्माण का काम भी आधा रह गया। रोजाना छह कोच बनाने वाली कपूरथला फैक्ट्री में कई महीनों तक रोजान तीन कोच ही बन पाये।

क्यों बने ऐसे हालात: जीएसटी लागू होने से पहले रेलवे सप्लायरों को कच्चे माल पर 12 फीसद एक्साइज ड्यूटी और छह फीसद वैट अदा करना पड़ता था और बाद में रेलवे उन्हें 12 फीसद रिफंड देता था। पर जीएसटी लागू होने पर उन्हें कच्चे माल पर तो 18 फीसद ही जीएसटी देना पड़ रहा है। रिफंड सात फीसद कम हो चुका है। टेंडर भी एक साल के लिए होने के कारण सप्लाई उसी अवधि में देनी है। इसके अलावा स्टील के रेट में 12 से 15 फीसद की वृद्धि हो चुकी है।

जीएसटी काउंसिल करे उपाय: कपूरथला-जालंधर चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सदस्य पी. एस. सिद्धू और सुभाष गांधी ने कहा कि उद्योग को बचाने के लिए जीएसटी काउंसिल को कदम उठाने होंगे।


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