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दूसरी तिमाही में कैसी रही अर्थव्यवस्था की तस्वीर, आज जारी होंगे आंकड़े, पहली तिमाही के मुकाबले बहुत बेहतर रहने की उम्मीद

Q2 GDP Data सरकार केंद्रीय बैंक के साथ ही देशी व विदेशी आर्थिक एजेंसियों को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही ( जुलाई से सितंबर 2020) में देश के आर्थिक हालात पहली तिमाही के मुकाबले बहुत बेहतर रहेंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 02:33 PM (IST)
दूसरी तिमाही में कैसी रही अर्थव्यवस्था की तस्वीर, आज जारी होंगे आंकड़े, पहली तिमाही के मुकाबले बहुत बेहतर रहने की उम्मीद
भारतीय अर्थव्यवस्थआ के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: ANI

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार, केंद्रीय बैंक के साथ ही देशी व विदेशी आर्थिक एजेंसियों को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही ( जुलाई से सितंबर, 2020) में देश के आर्थिक हालात पहली तिमाही के मुकाबले बहुत बेहतर रहेंगे। शुक्रवार को केंद्र सरकार दूसरी तिमाही के दौरान देश के आर्थिक हालात की दशा व दिशा से जुड़े आंकड़े जारी करेगी।

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पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसद की ऐतिहासिक गिरावट हुई थी। दूसरी तिमाही में भी जीडीपी की गिरावट की रफ्तार 10 फीसद के करीब रहने की संभावना है। गिरावट की यह रफ्तार मौजूदा तिमाही में और धीमी पड़ेगी और चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च, 2021 में ही वृद्धि दर के सकारात्मक होने की संभावना है।

देश की दो प्रमुख आर्थिक रिसर्च एजेंसियों एसबीआइ और क्रिसिल की ताजी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में भी इकोनॉमी की स्थिति को संभालने में सबसे बड़ी भूमिका कृषि सेक्टर ही निभाएंगे। एसबीआइ की रिसर्च रिपोर्ट के के मुताबिक दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में गिरावट की रफ्तार 10.7 फीसद के करीब हो सकती है।

लॉकडाउन के हटाये जाने के बावजूद माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग और ट्रेड व पर्यटन जैसे कई सेक्टरों की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। लेकिन बिजली, गैस, वित्त, बीमा, बस सेवाओं जैसे तमाम सेक्टरों में सुधार की वजह से पहली तिमाही जैसी गिरावट नहीं होगी। पहली तिमाही में कृषि ही एकमात्र ऐसा सेक्टर था जिसमें सकारात्मक वृद्धि हासिल की गई थी, इस बार भी कृषि की स्थिति काफी अच्छी रहेगी।

क्रिसिल की रिपोर्ट में दूसरी तिमाही में 12 फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया गया है। आरबीआइ की एक आतंरिक अध्ययन में इकोनॉमी में 8.6 फीसद गिरावट की बात कही गई है। दरअसल, अगस्त, 2020 के बाद से फेस्टिव सीजन में देश के कई सेक्टरों में मांग लौटने के मजबूत संकेतों की वजह से कई एजेंसियों ने पूरे वर्ष के लिए भारत के विकास दर के अनुमान में सुधार किया है।

इसमें मूडीज, फिच जैसी अतंरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां भी शामिल हैं। मूडीज ने पहले 9.6 फीसद गिरालवट की बात कही थी लेकिन अब वह 8.9 फीसद की गिरावट का अनुमान लगा रहा है। इन अनुमानों की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही मे कहा है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से रिकवरी कर रही है और पूरे वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक विकास दर शून्य के आस-पास रहेगी।

वैसे अभी तक किसी एजेंसी ने यह नहीं कहा है कि भारत की विकास दर शून्य के करीब रहेगी। पहले ज्यादातर एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2021) या अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2021) में ही सकारात्मक आर्थिक विकास दर (शून्य से ज्यादा) का अनुमान लगाया था लेकिन अब सब मान रही हैं कि यह स्थिति पहले आ जाएगी। इन अनुमानों के बावजूद अगर शुक्रवार को जारी होने वाले आंकड़ों में आर्थिक विकास दर शून्य से नीचे रहती है तो यह पिछले कई दशकों में पहली बार होगा जब दो तिमाहियों तक लगातार भारत का विकास दर नकारात्मक रहेगी।


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