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बैंकिंग घोटाला: पंजाब नेशनल बैंक में 18000 कर्मचारियों के ट्रांस्फर, GM गिरफ्तार

पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सभी सरकारी बैंकों को अधिकारियों का तबादला करने का सुझाव दिया था।

By Shubham ShankdharEdited By: Published: Thu, 22 Feb 2018 07:33 AM (IST)Updated: Thu, 22 Feb 2018 08:31 AM (IST)
बैंकिंग घोटाला: पंजाब नेशनल बैंक में 18000 कर्मचारियों के ट्रांस्फर, GM गिरफ्तार
बैंकिंग घोटाला: पंजाब नेशनल बैंक में 18000 कर्मचारियों के ट्रांस्फर, GM गिरफ्तार

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पीएनबी में बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा घोटाला सामने आने के बाद बैंकों ने आनन-फानन में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर करने शुरू कर दिए हैं। अकेले पीएनबी ने तीन दिनों के भीतर अपने 18 हजार से ज्यादा कर्मचारियों का तबादला कर दिया है। इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआइ, आइडीबीआइ और इलाहाबाद बैंक ने या तो तबादले शुरू कर दिए हैं या इसकी तैयारी में हैं। एक ही शाखा में तीन वर्षों से जमे कर्मचारियों का तबादला किया जा रहा है। कई बैंकों ने आंचलिक कार्यालयों को उन कर्मचारियों की सूची भेजने को कहा है, जो एक शाखा में तीन वर्ष या ज्यादा समय से कार्यरत हैं।

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इस बीच, सीबीआइ ने पीएनबी के दिल्ली मुख्यालय में जनरल मैनेजर (क्रेडिट) पद पर तैनात राजेश जिंदल को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मंगलवार की रात गिरफ्तार किया गया। वह घोटाला शुरू होने के वक्त ब्रैडी हाऊस ब्रांच, मुंबई में मैनेजर था। वह 2009 से 2011 तक इस ब्रांच में मैनेजर रहा। 2011 में ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को नियमों की अनदेखी कर एलओयू और एलसी जारी करने का काम शुरू हुआ था। इस मामले में सीबीआइ ने मंगलवार को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। सभी छह आरोपियों को अदालत ने बुधवार को पांच मार्च तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया।

पीएनबी के जिस ब्रांच में नीरव मोदी ने घोटाला किया है उसमें जिन कर्मचारियों की सबसे अहम भूमिका थी वे 10 वर्षों तक इस शाखा में कार्यरत थे। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद ही इसकी जानकारी मिली। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने पिछले हफ्ते दैनिक जागरण को यह बताया था कि इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए उनका बैंक किसी भी संवदेनशील पद पर किसी भी व्यक्ति को तीन वर्ष से ज्यादा नहीं रहने देता।

जेटली ने की बैंकों की खिंचाई

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस प्रकरण पर पहली बार प्रबंधन के स्तर पर बरती गई ढिलाई पर सरकारी बैंकों की जम कर खिंचाई की है। बैंकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्री के बयान पर प्रबंधन स्तर पर ज्यादा अफरी-तफरी का माहौल है। उसका भी असर ट्रांसफर के फैसले पर पड़ा है। आइसीआइसीआइ बैंक ने बुधवार दोपहर बाद अपने सारे शाखा प्रबंधकों को मेल किया और तीन वर्ष से ज्यादा समय से कार्यरत कर्मचारियों का ब्योरा एक घंटे में मेल करने को कहा।

कर्मचारियों में नाराजगी

बैंकों में कर्मचारियों के तबादले से कर्मचारियों में नाराजगी दिख रही है। आनन-फानन में तबादले होने से बैंकों के काम-काज पर भी असर पड़ने की आशंका है। नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्लू) ने कहा है कि ट्रांसफर से बैंकों पर उलटा ही असर होगा। आम तौर पर जनवरी से मार्च का समय बैंकों के लिए बेहद व्यस्त होता है। एनओबीडब्लू ने कहा है कि हालात ऐसे हो गए हैं कि दिव्यांगों व जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का भी ट्रांसफर किया जा रहा है।

सीवीसी ने दिया था सुझाव

--पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सभी सरकारी बैंकों को अधिकारियों का तबादला करने का सुझाव दिया था।

--बैंकों से कहा गया था कि वह उन सभी अधिकारियों का ट्रांसफर करे जो 31 दिसंबर, 2017 तक मौजूदा ब्रांच में तीन वर्ष पूरा कर चुके हैं।

--निजी बैंकों ने भी सीवीसी के सुझाव पर अमल करना शुरू कर दिया है। आइसीआइसीआइ, एक्सिस और एचडीएफसी में भी तबादले हो रहे हैं। 


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